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________________ (ब) वह व्यक्ति उस चोंटी को जान-बूझकर मार देता (स) वह व्यक्ति उस बीटी को सावधानीपूर्वक अपनी हाथ से उठाकर किसी सुरक्षित स्थान पर छोड़ देता है। उस व्यक्ति का पहले बाला कार्य हिंसा का है, क्योकि वह सावधानीपूर्वक नहीं किया गया। दूसरे प्रकार का कार्य घोर हिंसा का है, क्योकि उस व्यक्ति ने जान-बूझकर उसस चीटी को मारा है। उसका तीसरे प्रकार का कार्य अहिंसा का है, क्योकि उसके मन मे चीटी की रक्षा के भाव हैं। यह सम्भव है कि हाथ से उठाते समय उस चीटी को कुछ कष्ट पहुच जाये या वह मर ही जाये, परन्तु फिर भी अपने दयायुक्त भावो के कारण वह व्यक्ति हिंसा का दोषी नहीं है। (५) हमसे असावधानी मे ही कोई चिपकने वाली वस्तु. बिना ढके ही रह जाती है। बिना ढकी होने के कारण। उसमे कई मच्छर व मक्खिया गिर कर मर जाते हैं। दूसरी अवस्था में हम मच्छर व मक्खियो को मारने के लिये उनको मारने वाला चिपकने वाला पदार्थ जानबूझकर रख देते हैं। उस पर भी कुछ मच्छर व मक्खी आदि चिपक कर मर जाते हैं। इन दोनो अवस्थाओ मे लगभग एक-सी ही जीव हिंसा होती है। परन्तु हमारा पहले वाला कार्य केवल असावधानीवश हुआ (क्योकि हमारा अभिप्राय मच्छर वमक्खियो की हत्या करने का नहीं था) इसलिए इस हिसा का दोष हमको लगेगा अवश्य, परन्तु कम लगेगा। लेकिन दूसरी अवस्था में हमे बहुत अधिक दोष लगेगा, क्योकि हमने मच्छर व मक्खियो को मारने के अभिप्राय से ही वह पदार्थ रखा था।
SR No.010132
Book TitleMahavir aur Unki Ahimsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Radio and Electric Mart
PublisherPrem Radio and Electric Mart
Publication Year1974
Total Pages179
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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