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________________ कीडो, चूहो, पक्षियो, बन्दरो आदि को मारने की सलाह देते हैं। इस सम्बन्ध मे अधिकारिक रूप से तो मै कुछ नहीं कह सकता कि इस हत्याकाण्ड से खेती को दूरगामी लाभ होता है या नहीं, पर इतना अवश्य है कि यह हिंसा है और हिंसा का परिणाम कभी भी अच्छा नही होता। कई जगह तो खेती की रक्षा के लिए, इन कीडो व पशु-पक्षियो की हत्या करने के परिणाम खराब ही निकले हैं। क्योकि जब इन कीडे व पशु-पक्षियो को समाप्त कर दिया गया, तो अन्य प्रकार के खेती को हानि पहुचाने वाले कीडे, जिनको ये कीडे व पशु-पक्षी खा लिया करते थे, बहुत बढ़ गये और उनके कारण खेती को बहुत हानि हुई । जहाँ तक मैं समझता हू प्रकृति ने स्वय ही ऐसी व्यवस्था कर रखी है जिससे खेती को हानि न पहुचे। आजकल अनाज की फसलो और सब्जियो व फलो के वृक्षो को कीटाणुओ से बचाने के लिए उन पर कीटाणुनाशक औषधिया छिडकी जाती है। कुछ वैज्ञानिको ने खोज करके बतलाया है कि फसलो व वृक्षो पर कोटाणुनाशक औषधिया छिडकने से इन औषधियो के विषैले तत्व उन खाद्य पदार्थों को भी दूषित कर देते है और जो व्यक्ति ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करते है उन पर भी इन विषैली औषधियो का बुरा प्रभाव पड़ता है। यद्यपि इन विषैले तत्वो की मात्रा बहुत कम होने से इनका तुरन्त ही कोई बुरा परिणाम दिखाई नहीं देता, परन्तु यह मन्द-गति विष (Slow Poison) के समान कार्य करते हैं। (१६) हमे दूसरे के विचारो का भी आदर करना चाहिए और अपने हृदय मे भी सहनशीलता रखनी चाहिए। यदि दूसरा व्यक्ति किसी विषय पर हम से भिन्न विचार ७२
SR No.010132
Book TitleMahavir aur Unki Ahimsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Radio and Electric Mart
PublisherPrem Radio and Electric Mart
Publication Year1974
Total Pages179
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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