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________________ लिए किसी प्राणी को शारीरिक कष्ट देना या उसका वध करना, इत्यादि । इस प्रकार के सभी कार्य सकल्पी हिंसा के अन्तर्गत आते हैं। यहाँ हम एक तथ्य और स्पष्ट कर दें। कोई भी कार्य, वह अच्छा हो या बुरा, नौ प्रकार से किया जाता है यथा मन से, वचन से व शरीर से तथा स्वय करके, दूसरों के द्वारा कराकर और कोई अन्य व्यक्ति वह कार्य कर रहा हो तो उसका अनुमोदन करके । जैसे(१) अपने मन मे स्वय किसी जीव की हिंसा करने के भाव आने पर(२) अपने मन मे यह भाव आने पर कि किसी व्यक्ति से उस जीव की हिंसा करने के लिये कहे। (३) अपने मन में यह भाव आने पर कि कोई व्यक्ति आपही इस जीव की हिंसा कर दे तो बहुत अच्छा हो। (४) अपने मुख से कहना कि मैं इस जीव की हिंसा करूंगा। (५) किसी अन्य व्यक्ति से कहना कि इस जीव की हिसा कर दो। (६) कोई व्यक्ति किसी जीव की हिंसा करने को कह रहा हो तो उसको अपने वचनो द्वारा और भी प्रोत्साहित करना। (७) स्वय जीव की हिंसा करना। (८) किसी अन्य व्यक्ति से जीव की हिंसा कराना। (९) कोई अन्य व्यक्ति किसी जीव की हिंसा कर रहा हो तो उसका अनुमोदन करना। इस प्रकार कोई भी कार्य नौ प्रकार से किया जा
SR No.010132
Book TitleMahavir aur Unki Ahimsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Radio and Electric Mart
PublisherPrem Radio and Electric Mart
Publication Year1974
Total Pages179
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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