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________________ धारण कर लिए थे । अन्तत उन्होंने बौद्धधर्म की स्थापना की जो मुख्य रूप से अहिंसा पर ही आधारित है, और जिसमे हिंसक क्रिया-काण्ड को कोई स्थान नही है । भगवान महावीर की कुछ विशिष्टताएं वैसे तो भगवान महावीर का सारा जीवन ही विशिष्ट था, परन्तु यहाँ पर हम उनकी कुछ ही विशिष्टताओ की चर्चा करेंगे । सच्चे सुख का मार्ग सबके लिए भगवान महावीर राजपुत्र थे । उनको तत्कालीन सभी सुख-सुविधाएँ उपलब्ध थी। फिर उनके सम्मुख ऐसा कौन सा दुख व समस्या थी, जिसके कारण उन्होने राज-पाट और समस्त परिग्रह तथा बन्धु बान्धवो का मोह छोडकर नग्न दिगम्बर वेश धारण किया ? इसका उत्तर यही है कि भगवान महावीर दूरदर्शी थे । यह ठीक है कि उनको उस समय कोई भौतिक दुख नहीं था, परन्तु इस बात का क्या विश्वास था कि उनको जीवन भर कोई भी दुख नहीं सतायेगा । फिर वे स्वयं दुखी नही थे तो क्या हुआ, वे अपने चारो ओर तो दुःखी प्राणियो को देख रहे थे। धर्म के नाम पर पशुओ के रक्त से होली खेली जा रही थी। पशुओ का आर्तनाद और दीन दुखियो का करुण क्रन्दन उनके हृदय को विदीर्ण किये डालता था । वह केवल अपने लिए ही नही अपितु ससार के प्रत्येक प्राणी के लिए सच्चे सुख का मार्ग खोजने निकले थे, और अन्तत अपने चिन्तन, मनन, तप, त्याग व ध्यान आदि के द्वारा उन्होंने वह सच्चे सुख का मार्ग प्राप्त कर २२ •
SR No.010132
Book TitleMahavir aur Unki Ahimsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrem Radio and Electric Mart
PublisherPrem Radio and Electric Mart
Publication Year1974
Total Pages179
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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