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________________ ६] प्राचीन जैन स्मारक। उड़िया , १८,०९,३१४ हिन्दुस्तानी, ८,८०,१४५ अन्य , १६,८०,६३५ यहां ब्राह्मण ११,९९,००० हैं। १०० में हिन्दू ८९, मुसल्मान ६, ईसाई ३, अन्य २ हैं । जैनी कुल २७००० हैं-अधिकतर दक्षिण कनड़ा और उत्तर व दक्षिण अाटमें हैं। नोट-उपरके वर्णनमें मैसूर आदि राज्य गर्भित नहीं हैं। उच्च पर्वत-गंजम जिलेमें महेन्द्रगिरि समुद्रसे ५००० फुट ऊंचा है, कुर्गसे उत्तर सुब्रह्मनिय पर्वत ५६२६ फुट है, कादूर निलेके दक्षिण पश्चिम कुद्रेमुख पर्वत ६२१५ फुट है, ट्रावनकोरमें अनहमुड़ी पर्वत ८८३७ फुट ऊंचा है । कुड़ापा निलेमें कुंबम्के उत्तर पश्चिम भैरनी कंदा ३०४८ फुट ऊंचा है। नल्लमलई पहाड़ी श्रीशैलम्का भाग है इसपर प्राचीन नगर, किला, मंदिर आदि हैं। - -- (१) गंजम जिला। यह जिला त्रिकोण है। उत्तरमें उड़ीसा और मध्यप्रांत है। पूर्वमें समुद्र है। पश्चिममें विजगापटम है, यह बंगालकी खाड़ीके पास तक चला गया है। इसमें ८३७२ वर्ग मील स्थान है, सबसे सुन्दर जिला है। उच्चपर्वत-इस निलेके मध्य उच्चपर्वत बारुवपर पूर्वीय घाट समुद्रसे १५ मीलकी दूरीपर चलेगए हैं। उनकी चोटी सिंगराजू
SR No.010131
Book TitleMadras aur Maisur Prant ke Prachin Jain Smarak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulchand Kishandas Kapadia
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages373
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
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