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________________ प्र० २५०-प्रदेशत्व गुण क्या है और क्या बताता है ? उ०-(१) प्रदेशत्वगुण प्रत्येक द्रव्य का सामान्य गुण है। (३) प्रदेशत्वगुण के कारण प्रत्येक द्रव्य का अपना-अपना ही आकार होता है। प्र० २५१ जीव के क्षेत्र का आकार तो छोटा-बड़ा देखने मे आता है ? उ०-(१) जीव के प्रदेश सख्या अपेक्षा लोक प्रमाण असख्यात ही रहते है। (२) किन्तु ससार दशा मे वे प्रदेश अपने कारण से सकोच-विस्तार को प्राप्त होते है। इस कारण ससार दशा मे जीव का आकार एकसा नही रहता है। प्र० २५२ जीव के साथ शरीर का संयोग होता है, तब तो शरीर के कारण जीव का आकार बदलता होगा? उ०-बिल्कुल नही । जीव के साथ सयोगरुप जो शरीर है। उसके आकार के अनुसार जीव का अपना आकार अपने कारण से होता है, शरीर के कारण नही होता है। प्र० २५३-समुद्घात किसे कहते है और कितने है ? उ०-(१) मूल शरीर को छोडे विना आत्म प्रदेशो का शरीर से बाहर निकलना समुद्घात कहलाता है। (२) समुद्घात के सात भेद है । वेदना, कषाय, विक्रिया, मारणान्तिक, तैजस, आहारक और केवली। प्र० २५४-वेदना समुद्घात किसे कहते है ? उ०-अधिक दुख की दशा मे मूल शरीर को छोडे बिना जीव के प्रदेशो का बाहर निकलना। प्र० २५५-कषाय समुद्घात किसे कहते है ? उ०-क्रोधादि तीन कषाय के उदय से, धारण किये हुये शरीर को छोडे बिना जीव के प्रदेशो का शरीर से बाहर निकलना।
SR No.010123
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 08
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages319
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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