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________________ ( ५८ ) भगवान आत्मा' का श्रद्धानादि करने से ही भूतकाल में मोक्ष को प्राप्त हुये हैं । प्रश्न (४३) -- विदेह क्षेत्र से जो प्राजकल मोक्ष जा रहे हैं वे किस उपाय से ? उत्तर - मैं, अनन्त गुणों का अभेद पिण्ड भूतार्थ स्वभावी भगवान आत्मा' का श्रद्धानादि करने से ही विदेह क्षेत्र से आजकल मोक्ष जा रहे हैं । प्रश्न ( ४४ ) -- भविष्य में जो जीव मोक्ष जावेगे वह किस उपाय से ? उत्तर - मैं अनन्त गुणों का अभेद पिण्ड भूतार्थ स्वभावी भगवान श्रात्मा का श्रद्धानादि करने से ही भविष्य में मोक्ष जावेगे । प्रश्न ( ४५ ) -- क्या तीन काल तीन लोक में मोक्ष का एक ही उपाय है ? उत्तर - हाँ भाई, तीन काल तीन लोक में मोक्ष का एक ही उपाय है क्योंकि तीन काल तीन लोक में परमार्थ का एक ही पन्थ है दूसरा नही । प्रश्न ( ४६ ) - तीन काल तीन लोक में मोक्ष का एक ही उपाय है ऐसा कही शास्त्रों में आया है ? उत्तर - चारों अनुयोगों के सब शास्त्रों में आया है । (१) सम्यग्दर्शनज्ञानचारित्राणिमोक्ष मार्गः " ( तत्त्वार्थ सूत्र पहला अध्याय प्रथम सूत्र ) (२) प्रवचनसार गा. ८२-१९६ - २४२ में लिखा है कि "निर्वाण का अन्य कोई मार्ग नही है "
SR No.010118
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages211
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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