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________________ ( ३१ ) प्रश्न ( ७ 19 ) - कालद्रव्य कितने हैं और कहां कहां पर रहते हैं ? उतर - कालद्रव्य लोक प्रमाण प्रसंख्यात हैं । और काल द्रव्य लोकाकाश के एक एक प्रदेश पर रत्नों की राशि के समान अनादिश्रनन्त स्थित हैं । प्रश्न ( ७८ ) -- कालद्रव्य लोकाकाश के एक एक प्रदेश पर रत्नों की राशि के समान स्थित हैं यह बात साची है या झूठी है ? - झूठी है; क्योंकि व्यवहारनय से कहा जाता है कि कालद्रव्य लोकाकाश के एक एक प्रदेश पर रत्नों की राशि के समान स्थित है । उत्तर- द्रव्य लोकाकाश के एक एक प्रदेश पर रत्नों की राशि के समान स्थित हैं यह बात झूठी है तो साची बात क्या है ? प्रश्न ( ७९ ) - - काल उत्तर - वास्तव में एक एक काल द्रव्य अपने अपने एक एक प्रदेश में स्थित हैं यह बात साची हूँ ? प्रश्न ( ८० ) - अजीव द्रव्य का 'ज्यों का त्यों' श्रद्धान क्या है ? उत्तर - पुद्गल धर्म अधर्म श्राकाश और काल द्रव्य हैं इनसे मेरा किसी प्रकार का सम्बंध नहीं है मात्र व्यवहार से ज्ञेय-ज्ञायक सम्बंध है, यह जानकर अपने स्वभाव की दृष्टि करके परिपूर्ण सिद्ध दशा की प्राप्ति, यह ग्रजीव द्रव्य का 'ज्यों का त्यों' श्रद्धान है । प्रश्न (५१) - मजीव से किसी भी प्रकार सम्बंध नहीं है यह
SR No.010118
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages211
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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