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________________ ( १५८ ) प्रश्न ( १६८ ) - प्रतिमा आदि प्रदारिक शरीर कैसे है ? उत्तर - मनुष्य और तिर्यचों के शरीर को प्रदारिक शरीर कहते हैं सो प्रतिमा आदि एकेन्द्रिय जीव का शरीर है । प्रश्न १६६) - मनुष्य और तिर्यत्रो के औदारिक शरीर कर्ता कौन है, और कौन नहीं ? उत्तर - आहारवर्गणा है जीव और अन्य वर्गणा नहीं है । प्रश्न ( २०० ) -- देवनारकीयों के वैक्रियिक शरीर कर्ता कौन है, श्रौर कौन नहीं है ? उत्तर - आहारवर्गणा है देवनारकी की प्रात्मा और अन्य वर्गणा नही है । प्रश्न (२०१ ) -- ऋद्धिधारी महामुनि के आहारक शरीर का कर्ता कौन है, और कौन नहीं है ? उतर - आहारवर्गणा है मुनि की आत्मा और अन्य वर्गणा नहीं है । प्रश्न ( २०२ ) -- निगोद से लेकर १४ वें गुणस्थान तक सब ससारी जीवों को जो तेजस शरीर का संबन्ध होता है उसका कर्ता कौन है, और कौन नहीं है ? उत्तर - तेजस वर्गणा है कोई भी जीव और दूसरी वर्गणा तेजस शरीर का कर्ता नहीं है । प्रश्न (२०३ ) - ज्ञानावर्णी प्रादि प्राठ कर्मों का तथा १४८ उत्तर प्रकृतियो का कर्ता कौन है, और कौन नहीं है ? उत्तर - कार्माणवर्गणा है, कोई जीव और अन्य वर्गणा नही है। प्रश्न ( २०४ ) - - दिव्यध्वनि और शब्द का कर्ता कौन है और कौन नहीं है ?
SR No.010118
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages211
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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