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________________ ( १५५ ) उत्तर - दो अथवा दो से अधिक परमाणुओं के बंध को स्कंध __ कहते हैं। प्रश्न (१८१). स्कंध किसकी पर्याय है ? उत्तर --वह अनन्त पुदगल द्रव्यों की विभावअर्थ पर्यायों और विभावव्यंजन पर्यायों का पिन्ड है। प्रश्न (१८२)--बंध किसे कहते है ? उत्तर-जिस सम्बंधविशेष से अनेक वस्तुओं में एकपने का ज्ञान होता है उस सम्बंधविशेष को बंध कहते हैं। प्रश्न (१८३)--शरीर कितने हैं ? उत्तर-शरीर पाँच हैं (१) प्रौदारिक, (२) वैक्रियिक, (३) प्राहारक, (४) तेजस, (५) कार्माण । प्रश्न (१८४)--औदारिक शरीर किसे कहते हैं ? उत्तर मनुष्य और तिर्यंच के स्थूल शरीर को औदारिक शरीर प्रश्न (१८५)--वैक्रियिक शरीर किसे कहते हैं ? उत्तर-जो छोटे-बड़े, पृथक-पृथक आदि अनेक क्रियाओं को करे ऐसे देव और नारकियों के शरीर को वैक्रियक शरीर कहते हैं। प्रश्न (१८६)-प्राहारक शरीर किसे कहते है ? उत्तर-माहारक ऋद्धिधारी छठे गुणस्थानवर्ती मुनि को तत्त्वों में कोई शंका होने पर, अथवा जिनालय मादि की बंदना करने के लिए, मस्तक से एक हाथ प्रमाण स्वच्छ और सफेद, सप्तधातु रहित, पुरषाकार जो पुतला निकलता है उसको आहारक शरीर कहते हैं। प्रश्न (१८७)-तैजस शरीर किसे कहते हैं ? ... :
SR No.010118
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages211
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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