SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 52
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( ४६ ) उत्तर-प्रश्न १४६ से १४६ तक के अनुसार उत्तर दो। प्रश्न १५४-क्या सोने के हार का उत्कृष्ट साधन सुनार है ? इसमें करण कारक को लगाओ। उत्तर-प्रश्न १४६ से १४६ तक के अनुसार उत्तर दो। प्रश्न १५५–क्या मन्दिर बनने का उत्कृष्ट साधन कारीगर है ? इसमे करण कारक लगाकर बताओ। उत्तर-प्रश्न १४६ से १४६ तक के अनुसार उत्तर दो। प्रश्न १५६-क्या सुगन्ध का उत्कृष्ट साधन ज्ञान है ? इसमे करण कारक को लगाओ। उत्तर-प्रश्न १४६ से १४६ तक के अनुसार उत्तर दो। प्रश्न १५७-क्या दर्शनमोहनीय के क्षय का उत्कृष्ट साधन क्षायिक सम्यक्त्व है ? इसमे करण कारक लगाओ। उत्तर-प्रश्न १४६ से १४६ तक के अनुसार उत्तर दो। प्रश्न १५८-ज्ञानावरणीय कर्म के क्षय का उत्कृष्ट साधन केवलज्ञान है ? इसमे करणकारक लगाओ। उत्तर--प्रश्न १४६ से १४६ तक के अनुसार उत्तर दो। प्रश्न १५६-च्या ज्ञान बढाने का उत्कृष्ट साधन शास्त्र है ? इसमे करणकारक लगाओ। उत्तर–प्रश्न १४६ से १४६ तक के अनुसार उत्तर दो। प्रश्न १६०-क्या रुपया मिला उसका उत्कृष्ट साधन जीव हैं ? इनमें करण कारक को लगाओ। उत्तर-प्रश्न १४६ से १४६ तक के अनुसार उत्तर दो। प्रश्न १६१-करण कितने अर्थों में प्रयुक्त होता है ? उत्तर-तीन अर्थों में प्रयुक्त होता है-(१) करण = इन्द्रिय, (२) करण= परिणाम, (३) करण = साधन-करण कारक । सम्प्रदान कारक का स्पष्टीकरण प्रश्न १६२-सम्प्रदान कारक किसे कहते हैं ?
SR No.010117
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages253
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy