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________________ ( ३१ ) प्रश्न ५७-केवलज्ञानावरणीय के क्षय से केवलज्ञान हुआ-इसमें कर्ता कारक लगाकर बताओ? उत्तर-(प्रश्न ५२ से ५६ तक के अनुसार उत्तर दो)। प्रश्न ५८-गुरू से ज्ञान हुआ—इसमे कर्ताकारक को लगाओ? उत्तर-(प्रश्न ५२ से ५६ तक के अनुसार उत्तर दो)। प्रश्न ५६-बाई ने रोटी बनाई-इसमे कर्ताकारक को लगाओ? उत्तर-(प्रश्न ५२ से ५६ तक के अनुसार उत्तर दो)। प्रश्न ६०-केवलदर्शन होने से दर्शनावरणीय का क्षय हुआइसमें कर्ताकारक लगाकर बताओ? उत्तर-(प्रश्न ५२ से ५६ तक के अनुसार उत्तर दो)। प्रश्न ६१-मैंने बिस्तरा बिछाया-इसमे कर्ताकारक लगाओ? उत्तर-(प्रश्न ५२ से ५६ तक के अनुसार उत्तर दो)। प्रश्न ६२–महावीरभगवान की दिव्यध्वनि है-इसमे कर्ताकारक को लगाओ? उत्तर-(प्रश्न ५२ से ५६ तक के अनुसार उत्तर दो)। प्रश्न ६३-बढई ने अलमारी बनाई-इसमे कर्ताकारक को लगाओ? उत्तर-(प्रश्न ५२ से ५६ तक के अनुसार उत्तर दो)। प्रश्न ६४-बैलो ने गाडी को चलाया-इसमे कर्ताकारक लगाओ? उत्तर-(प्रश्न ५२ से ५६ तक के अनुसार उत्तर दो) । प्रश्न ६५-इच्छा की तो मै आया-इसमे कर्ताकारक को बताओ? उत्तर-(प्रश्न ५२ से ५६ तक के अनुसार उत्तर दो)। प्रश्न ६६–मै जोर से बोलता हूं-इसमे कर्ताकारक लगाओ ? उत्तर-(प्रश्न ५२ से ५६ तक के अनुसार उत्तर दो) । प्रश्न ६७-कुन्द कुन्द भगवान ने समयसार बनाया- इसमे कर्ताकारक बताओ? उत्तर-(प्रश्न ५२ से ५६ तक के अनुसार उत्तर दो)।
SR No.010117
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages253
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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