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________________ Яо उ० 510 उ० По उ० पाठ १४ До प्रमेयत्व गुण Яо उo ३. जगत में कोई ऐसा पदार्थ है जिसमें प्रमेयत्व गुण न हो ? जगत में ऐसा एक भी पदार्थ नहीं है जिसमें प्रमेयत्व गुरण न हो क्योंकि प्रमेयत्व गुण प्रत्येक द्रव्य का सामान्य गुरण है । १. प्रमेयत्व गुरण किसे कहते हैं ? जिस शक्ति के कारण द्रव्य किसी न किसी ज्ञान का विषय हो उसे प्रमेयत्व गुण कहते हैं । २. " किसी न किसी ज्ञान" से क्या मतलब है ? मति, श्रुति, अवधि, मन:पर्यय, और केवलज्ञान इन पांचों में से कोई भी एक । ४. प्रमेयत्व का मतलब क्या है ? ज्ञात होने योग्य, जानने योग्य, ज्ञेय, Knowable ५. प्रमेयत्व का व्युत्पत्ति अर्थ क्या है ? प्र = अर्थात् विशेष रूप से । मेय = अर्थात ज्ञान में आने
SR No.010116
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages219
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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