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________________ ( १२६ ) बस्तु अपना २ प्रयोजनभूत कार्य करती है ऐसा वस्तुत्व गुण ने बताया तो द्रव्यत्व गुण बताने के पीछे यह रहस्य है कि वह प्रयोजनभूत कार्य 'निरन्तर बदलता' ही रहता है । उ० प्र० ३७. द्रव्यत्व गुण का कार्य कब पूरा होगा ? उ० प्र० ३८. क्या जीव की पर्याय प्रजीव से बदलती है ? कोई ऐसा माने तो ? विल्कुल नहीं (१) जीव के द्रव्यत्व गुण को नहीं माना । (२) जीव को परिणमन रहित माना । उ० प्र० ३६. द्रव्यत्व गुरण त्रिकाल रहता है ? किस कारण ? अस्तित्व गुण के कारण | उ० निरन्तर परिगमन होना ही द्रव्यत्व गुण का कार्य है फिर कार्य पूरा होने का प्रश्न ही नहीं रहता है । प्र ० ४०. द्रव्यत्व गुण अपना प्रयोजनभूत कार्य करता है, किस कारण ? वस्तुत्व गुण के कारण । उ० प्र० ४१. द्रव्यत्व गुण विरन्तर बदलता है, द्रव्यत्व गुण के कारण । ತ್ उ० किस कारण ? प्र ० ४२. अस्तित्व, वस्तुत्व और द्रव्यत्व गुण का क्या मर्म है ? प्रत्येक वस्तु कायम रहती हुई पपना २ प्रयोजनभूत कार्य
SR No.010116
Book TitleJain Siddhant Pravesh Ratnamala 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Mumukshu Mandal Dehradun
PublisherDigambar Jain Mumukshu Mandal
Publication Year
Total Pages219
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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