SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 308
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( २६८ ) और भी सरस्वती पूजा" में सौरभ तथा अध्य-सामग्री के रूप बहुत है। कपूर उन्नीसवीं शती के पूजाकार वृंदावन विरचित 'श्री शांतिनाथ जिनपूजा" में तथा कविवर बाबर की 'श्री पार्श्वनाथ जिनपूजा" में सुगंध अर्थ में कपूर पदार्थ प्रयुक्त है। बीसवीं शती के कवि रविमल को 'श्री तीस बोबीसी पूजा' नामक कृति में कपूर का प्रयोग परिलक्षित है ।" केवड़ा - यह सुगन्धित द्रव्य पदार्थ है । इसकी सुगन्ध विशेष प्रसिद्ध है । जैन - हिन्दी-पूजा-काव्य में उन्नीसवीं शती के पूजा रचयिता बख्तावर ने 'श्री पार्श्वनाथ जिनपूजा' नामक पूजा में केवड़ा पूजा सामग्री के लिए प्रयोग किया है ।" बीसवीं शती के कवि भगवानदास विरचित 'श्री तत्वार्थ सूत्रपूजा' में सुगंध अर्थ में केवड़ा प्रयुक्त है। पदार्थ केशर -- केशर एक विशेष फूल का सोंका है जो पीलापन लिये लाल रंग का और सौरभयुक्त पदार्थ है । पुजाकाव्य में अठारहवीं शती से केशर के अभिदर्शन होते हैं। इस शती के कविवर खानतराय प्रणीत 'श्री पंचमेरू पूजा, श्रीदशलक्षणधर्म पूजा", ३. वातिका कपूर वार मोह-ध्वांत को हरू । - श्रीपार्श्वनाथ जिनपूजा, ३७३ । बख्तावररत्न, १. श्री सरस्वती पूजा, खानतराय, राजेश नित्य पूजापाठ संग्रह, पृष्ठ ३७५ । २. श्री शांतिनाथ जिनपूजा, वृंदावन, राजेश नित्य पूजापाठ संग्रह, पृष्ठ ११२ । - श्री पार्श्वनाथजनपूजा, ३७२ । ज्ञानपीठपूजांजलि, पृष्ठ ४. सुरभि जुत चंदन लायो, संग कपूर घसवायो । - श्री तीस चौबीसी पूजा, रविमल, जैन पूजापाठ संग्रह, पृष्ठ २४५ । ५. केवड़ा गुलाब और केतकी चुनाइये । बख्तावररस्न, ज्ञानपीठपूजांजलि, पृष्ठ ६. श्री तत्वार्थ सूत्र पूजा, भगवानदास, जैन पूजापाठ संग्रह, पृष्ठ ४१० । ७. जल केशर करपूर मिलाय, गंध सों पूजो श्री जिनराय । - श्री पंचमेरुपूजा, खानतराय, जंन पूजापाठ संग्रह, पृष्ठ ५२ । ८. श्री दशलक्षण धर्मपूजा, धानतराय, जैन पूजापाठ संग्रह, पृष्ठ ६२ ।
SR No.010103
Book TitleJain Hindi Puja Kavya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAditya Prachandiya
PublisherJain Shodh Academy Aligadh
Publication Year1987
Total Pages378
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy