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________________ ६ २ ( २६५ ) (४) शुभ बिहार जिन कीजिहो। (बस्तावररल, श्री वासुपूज्य जिनपूबा) (५) करो तुम व्याह । (बस्तावररत्न, श्री पार्श्वनाथ जिनपूजा) (६) में नमन कह। (बख्तावररत्न, श्री ऋषमनाप जिनपूजा) (७) सु प्रकाश करे। (बस्तावररत्न: श्री ऋषभनाथ जिनपूजा) (२० वीं शती) (१) विनती तुमसों का।। (युगल किशोर 'युगल', श्री देवशास्त्र गुरुपूजा) (२) तिन पर पूजा कीजिये। (आशाराम, श्री सोनागिरि सिद्धोत्र पूजा) (३) ज्ञान रूपी मान से कोंना सुशोभित । (पूरणमल, श्री चांदन गांव, महावीर स्वामी पूजा) (४) कापायिक भाव विनष्ट किये। (मुगल, श्री देवशास्त्र गुरुपूजा) (५) सोध पवित्र करी। (ौलतराम, श्री चम्पापुर सिट क्षेत्रपूजा) (६) करता अभिमान निरंतर हो। (युगल, श्री देवशास्त्र गुरुपूजा) (७) ध्यान तुम्हारों कोनौ। (जिनेश्वरवास, श्री चन्नप्रभु पूजा) (४) रच (१८वीं शती)- (१) नित पूजा रचूं। (यानतराप, श्री देवशास्त्र पुरुषमा) (१६ वीं शती)-(१) अक्षत पुंज रचाइये। (बख्तावररत्न, श्री सुमतिनाथ जिनपूजा) (२) वहाँ पूज रची। (बस्तावररत्न, श्री ऋषभनाथ जिनपूना) (२० को मती)-(१) जिनवर पूल रवाई। (जिनेश्वरवास, भी बत्रभु पूजा)
SR No.010103
Book TitleJain Hindi Puja Kavya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAditya Prachandiya
PublisherJain Shodh Academy Aligadh
Publication Year1987
Total Pages378
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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