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________________ (xili ) मैं हृदय से कृतज्ञ हूँ कि उन्होंने इस ग्रन्थ को अपने शुभ वचनों से समलंकृत किया है । डॉ० एस० सी० गुप्ता, श्री जगवीर किशोर जैन, डॉ० चन्द्रवीर जैन को कैसे विस्मरण किया जा सकता जिनकी प्रेरणा मेरा सम्बल रही है । मेरे अनु श्री राजीव प्रचण्डिया, एडवोकेट ने इस ग्रन्थ की प्रूफ रीडिंग का दुरूह दावि बड़ी सफलता से निर्वाह किया है । प्रिय संजीव प्रचण्डिया 'सोमेन्द्र', एम० काम० एल० एलके और कुवर परितोष प्रचण्डिया, एम० काम० का ग्रन्थ की पाण्डुलिपि व्यवस्थित करने का परिश्रम प्रशंस्य है। मैं इन त्रय अनुजों के बज्ज्वल भविष्य की मंगल कामना करता हूँ । सहधर्मिणी श्रीमती अलका मी, एम० ए० (य), रिसर्च स्कॉलर धन्यवाद की अधिकारिणी हैं जिन्होने मेरे इस कार्य को अपने सहयोग से गति प्रदान की है। चि० मनुराजा एवं दुलारी कनुप्रिया की बाल लीलाओं ने शोध की नीरसता में सरसता का संचार किया है । ग्रन्थ के मुद्रक श्री योगेन्द्र गोस्वामी की तत्परता के लिए आभारी हूँ । 보고 अन्त में इस ग्रन्थ के प्रणयन में परोक्ष-अपरोक्ष जिनसे सहायता मुझे मिली है उनके प्रति में आभार व्यक्त करता हूँ । शुभम् । २० दिसम्बर, १९८६ आदित्य प्रचण्डिया 'दीति'
SR No.010103
Book TitleJain Hindi Puja Kavya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAditya Prachandiya
PublisherJain Shodh Academy Aligadh
Publication Year1987
Total Pages378
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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