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________________ ( et ) प्रत्येक अष्टान्हिका पर्व में अर्थात् कार्तिक, फाल्गुन आषाढ़ मास के अन्तिम आठ-आठ दिनों में वेष लोग उस द्वीप में जाकर तथा मनुष्य लोग अपने मंदिरों व चैत्यालयों में उस द्वीप की स्थापना करके खूब भक्ति भाव से इन बावन थालयों की पूजा करते हैं। यही नंदीश्वर भक्ति कहलाती है ।" नंदीश्वर भक्ति माहात्म्य को चर्चा करते हुए जैन धर्म में स्पष्ट लिखा है जो प्रातः, मध्यान्ह और सन्ध्या तोनों हो काल नन्दीश्वर की भक्ति में स्तोत्र पाठ करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है ।" हिन्दी जैन पूजा काव्य परम्परा में नन्दीश्वर द्वीप पूजा में नन्दीश्वर भक्ति का विशद विवेचन हुआ है । अष्टका पर्व सर्व पर्वो में श्रेष्ठ माना जाता है । इस अनुष्ठान पर नम्बीश्वर द्वीप की स्थापना कर पूजा की जाती है।' कविवर यानतराय के अनुसार कार्तिक, फाल्गुन तथा आषाढ़ मास के अन्तिम आठ दिनों में नन्दीश्वर द्वीप की पूजा की जाती है ।" पूजा काव्य में नन्वोश्वर भक्ति १ -- आषाढ़ कार्तिकाव्ये फाल्गुन मासे च शुक्लपक्षेष्टम्याः । आरश्याष्टदिनेषु च सोधर्म प्रमुख विवधु पतयो भक्त्या ॥ तेषु महामहमुचितं प्रचुराक्षत गंधपुष्पधूपं दिव्येः । सर्वेश प्रतिमानाम प्रतिमानां प्रकुर्वते सर्वहितम् ॥ - नंदीश्वरभक्ति, दशभक्त्यादि सग्रह, श्री सिद्धसेन गोयलीय, अखिल विश्व जैन मिशन, सलाल, साबरकांठा, गुजरात, प्रथम संस्करण वी० नि० सं० २४८१ पृष्ठ २०६ । २ -- संध्यासु तिसृषुनित्यं पठेद्यदि स्तोत्रमेतदुत्तम यशसाम् । सर्वज्ञाना सार्व लघु लभते श्रुतधरेडितं पदममितम् ॥ - नंदीश्वर भक्ति, आचार्य पूज्यपाद, दश भक्त्यिादिसंग्रह, सिद्धसेन जैन गोयलीय, अखिल विश्व जैन मिशन, सलाल सावर कांठा, गुजरात वी० नि० स० २४८१, पृष्ठ २१६ । ३ - सरब पर्व में बड़ो अठाई परब है । नंदीश्वर सुर जाहिं लिए वसुंदरब है || हमें सकति सो नाहि इहाँ करि थापना । पूजों जिन गृह प्रतिमा है हित आपना || - श्री नंदीश्वर द्वीप पूजा, द्यानतराय, जैन पूजापाठ संग्रह, भागचन्द पाटनी, ६२, नलिनी सेठ रोड, कलकत्ता-७, पृष्ठ ५५ । ४ - कार्तिक फागुन साढ़के, अन्त आठ दिनमाहि । नंदीश्वर सुरजात हैं, हम पूजें इह ठाहि || - श्री नंदीश्वर द्वीप पूजा, यानतराय, जैन पूजा पाठ संग्रह, भागचन्द्र पाटनी, ६२, नलिनी सेठ रोड, कलकत्ता--७, पृष्ठ ५७ ।
SR No.010103
Book TitleJain Hindi Puja Kavya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAditya Prachandiya
PublisherJain Shodh Academy Aligadh
Publication Year1987
Total Pages378
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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