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________________ १५२] [जन-धर्म-मीमांसा शर्ते उन पर लादी * जाती हैं। पूँजीपति लोग कर्ज देकर शासक राजाओं को गुलाम बनाते हैं और व्यापार के लिये राज्य तक हड़पे जाते हैं। तरह नष्ट किया है, उसका पुराण भी बहुत लम्बा और भयंकर है। __* ईस्ट इंडिया कम्पनी ने बंगाल के जुलाहों पर ऐसा ही अत्याचार किया था। बेलजियम की सरकार ने कांगों के मूल निवासियों पर भी ऐसा अत्याचार किया था, जिससे वे सरकारी एजेन्टों के सिवाय और किसी के हाथ कोई चीज नहीं बेच सकते थे। उत्तरी आफ्रिका के मुसलिम राज्य १९ वीं शताब्दी में कमजोर थे। यरोपीय राष्ट्र उन्हें चकमा देकर ऋण देते थे, इस प्रकार वे और ऐयाश हो जाते थे। इससे आर्थिक अवस्था और खराब हो जाती थी; तब वे लोग और ऋण देते थे जिसे चुकाने के लिये वह प्रजा पर अधिक कर लगाता था जिससे बलवा हो जाता था, जिसको दबाने के लिये वह और ऋण लेता । इस प्रकार जब ऋग न चुकने लायक हो जाता तब ये लोग राजा को अपने संरक्षण में ले लेते और अपने व्यापार के प्रसार के लिये मनमाना अन्याय करते । अगर यह या उसकी प्रजा कुछ ची. चपड़ करती तो वह दवा दी जाती और राज्य पर पूर्णाधिकार कर लिया जाता । इस विषय की चालबाजियों का काला पुराण भी बहुत लम्बा है। * भारत इसी तरह हड़पा गया । कोरिया. मंचूकुआ, जापान ने हड़प लिये । आस्ट्रेलिया, अमेरिका और आफ्रिका की
SR No.010100
Book TitleJain Dharm Mimansa 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDarbarilal Satyabhakta
PublisherSatyashram Vardha
Publication Year1942
Total Pages377
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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