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________________ खण्ड] * नवतत्त्व अधिकार * १८१ - (ङ) पञ्चेन्द्रिय असंझीके नौ प्राणः-उपरोक्त आठ और और एक श्रोत्रेन्द्रियबल प्राण । (च) सैनी पञ्चेन्द्रियके दस प्राण:-उपरोक्त नौ और एक मनोबल। जीवोंकी आयु और स्थिति १-एकेन्द्रिय जीवकी कम-से-कम आयु एक अन्तर्मुहूर्त और अधिक-से-अधिक बाईस हजार वर्षकी होती है। ____२-द्वीन्द्रिय जीवकी कम-से-कम अन्तमहूर्त और अधिकसे अधिक बारह वर्षकी होती है। ___३-त्रीन्द्रिय जीवकी कम-से-कम एक अन्तर्मुहूर्त और अधिक-से-अधिक उनचास रात्रि-दिनकी होती है। ४-चतुरिन्द्रिय जीवकी कम-से-कम एक अन्तर्मुहूर्त और अधिक-से-अधिक छह महीनेकी होती है। ५-पञ्चेन्द्रिय जीवकी कम-से-कम एक अन्तर्मुहूर्त और अधिक-से-अधिक तेतीस सागरकी होती है। १-एकेन्द्रिय एकेन्द्रिय अवस्थामें कम-से-कम अन्तर्मुहूर्त और अधिक-से-अधिक अनन्त काल तक । २-द्वीन्द्रिय द्वीन्द्रिय अवस्थामें कम-से-कम अन्तर्मुहूर्त और अधिक-से-अधिक असंख्यात काल तक |
SR No.010089
Book TitleJail me Mera Jainabhayasa
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages475
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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