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________________ प्राभार । जिन ग्रन्थोंके साहाय्यसे यह पुस्तक लिखी गई है, उनके लेखक और प्रकाशकोंका आभार स्वीकार करते हुए, उनकी नामावलि मैं नीचे देता हूँ:१-श्रीउत्तराध्ययनजी। १५-श्रीप्रवचनसार । २-श्रीभगवतीजी। १६-सूरीश्वर और सम्राट ३-श्रीजीवाभिगमजी। अकबर । ४-कर्मग्रन्थ पहिला भाग। १७-पुरुषार्थसिद्ध्युपाय । ५-कर्मग्रन्थ दूसरा भाग। १८-तत्त्वार्थसूत्र । ६-कर्मग्रन्थ तीसरा भाग। १६-मोक्षमार्गप्रकाश । ७-कर्मग्रन्थ चौथा भाग। ८-जैनतत्त्वप्रकाश। २१-बुद्धचर्या। १-श्रीमन्त्रराज-गुणकल्प- २२-महाबोधि । महोदधि। २३-पातञ्जल योगदर्शन । १०-नाटक समयसार । २४-कर्तव्यकौमुदी। ११-जैनसिद्धान्तप्रवेशिका। २५--ध्यानकल्पतरु । १२-चरचा शतक। २६-ज्ञानदीपिका । १३-पच्चीस बोलका थोकड़ा। २७-सत्यार्थचन्द्रोदय । १४-सामायिक प्रतिक्रमणसूत्र । २८-चिकागो-प्रश्नोत्तर ।
SR No.010089
Book TitleJail me Mera Jainabhayasa
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages475
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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