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________________ श्री श्ररनाथ स्तुसि १७१ • सर्वार्थभाषया सम्यक् सर्वलेशप्रघातिनाम् । सत्त्वानां बोधको यस्तु बोधिसत्वस्ततो हि सः ॥४०॥ 1 भावार्थ - जो प्रर्हन्त भगवान सर्व भाषामय सले प्रकार श्रर्थ को प्रतिपादन करने बाले वचनों से सर्व प्राणियों को उनके सर्व क्लेश नाश करने के लिये उपदेश देता है वही यथार्थ बोधिसत्त्व व हितोपदेष्टा है । पद्धरी छन्द । तुम वचनामृत तत्त्व प्रकाश, सब भाषामय होता विकास । सत्र सभा व्यापकर तृप्तकार, प्राणिन को अमृतवत् विचार ||१७|| उत्थानिका -- शंकाकार कहता है कि एकान्त मत में भी एकान्त स्वरूप दिखानेबाले वचनों से भी वस्तु का यथार्थ स्वरूप समझ में आता है व उससे प्राणियों को ग्रानन्द भी होता है तब आपके वचनों में ही क्या ऐसा अतिशय है, इस शंका का समाधान करते हैं- अनेकान्तात्मदृष्टिस्ते सती शून्यो विपर्ययः । ततः सर्वं मृषोक्तं स्यात्तदयुक्तं स्वघाततः ॥८॥ . श्रन्वयार्थ - ( ते ) श्रापका ( श्रनेकान्तात्मदृष्टि : ) अनेकान्त मत (सती) मत्य है ( विपर्ययः) उससे उल्टा एकान्तमत ( शून्यः ) सत्य है ( ततः) उस एकांत मत से (सर्व मृषोक्तं स्यात्) सर्व ही कथन मिथ्या कहा जायगा ( तत् स्वघाततः प्रयुक्तं ) वह एकान्त मत अपना ही घात करने से बिलकुल प्रयोग्य है । भावार्थ - आचार्य, शंकाकार को कहते हैं कि एकान्त मत से वस्तु का यथार्थ स्वरूप कहा ही नहीं जा सकता । कोई वैसे ही मन में एकान्त मत से सन्तोष मानले तो यह उसका ज्ञान है । अनेकान्त मत ही वस्तु को यथार्थ प्रतिपादन कर सकता है । इस बात को श्री सुमतिनाथ के स्तोत्र में भले प्रकार बताया जा चुका है । वस्तु का स्वरूप ही श्रनेक स्वभावरूप है । वस्तु स्वद्रव्यादि की अपेक्षा लत्रूप है, पर द्रव्यादि की अपेक्षा प्रसवरूप है । वस्तु गुणों की सहचारिता की अपेक्षा नित्वरूप है । पर्याय के - पलटने की अपेक्षा नित्यरूप है । सर्वथा एकरूप मानने से वस्तु कार्यकारी होती है— वस्तु को सिद्धि ही नहीं हो सकती । यह बात पहले बता चुके हैं । इसलिये अनेकान्त नत ही सच्चा है । एकान्त मत बिलकुल मिथ्या है । एकान्त मत से जो कुछ कहा जायगा
SR No.010072
Book TitleParmatma Prakash evam Bruhad Swayambhu Stotra
Original Sutra AuthorYogindudev, Samantbhadracharya
AuthorVidyakumar Sethi, Yatindrakumar Jain
PublisherDigambar Jain Samaj
Publication Year
Total Pages525
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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