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________________ ཡྻ ཟློ # ཟླ་ (ध) संस्कृत प्राकृत हिंदी लहन्दी.. पंजाबी अष्ट अट्ट आठ अट्ट , अg शिक्षा , सिक्खा सीख सिक्ख सिक्ख दुग्ध .दुद्ध दूध । दुद्ध. इत्यादि (उच्चारण दुद्द उ उच्चस्वर) (३) संस्कृत का 'त्र' हिंदी, पंजावी में 'त' 'त' परन्तु लहन्दो में त्र रहता है। संस्कृत हिंदी लहन्दी पंजावी त्रयः त्रीणि तीन नै ' तिन्न त्रुटयते टूटना बुट्टणा हट्टना पुत्र पूत पुत्तर पुत्त (४) लहन्दी में भविष्य काल के प्रत्यय सी, सां आदि होते हैं। जैसे-हिंदी-करेगा, करूंगा, आदि लहन्दी-करसी, करसां ., पंजाबी करूगा, करांगा ,, साहित्यिक भाषा । प्रायः प्रत्येक लिखे पढे व्यक्ति की कम से कम दो भाषाएं हुआ करती हैं-१. बोल चाल की साधारण भाषा, २. लिखने पढ़ने की साहित्यिक भाषा । इन में परिस्थिति
SR No.010064
Book TitleJain Tattvadarsha Purvardha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmanand Jain Sabha
Publication Year1936
Total Pages495
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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