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________________ ( ३१ ) चढ़ना, ऊंची नीची जगह में आना जाना या उठना बैठना, छोटे ऊंचे नीचे और बिना तकिये के पलंग पर साना, पहाड़ियों की विषम चोटियाँ पर घूमना, वृक्ष पर चढ़ना, जल की तेज धारा में नहाना, बेर के पेड़ के नीचे जाना, अग्नि के पास जाना, बहुत खिलखिला कर हँसना, विना मुँह ढँके जंभाई, छींक लेना और हँसना, नाक का खुरचना, दॉतों को पीसना, नखों को तोड़ना, हड्डियों को पीटना, धरती पर लकीर खींचना, तिनकों का तोड़ना, मिट्टी के ढेलों का फोडना, पावों का हिलाना, देह का तोड़ना, चमकीले पदार्थ जैसे सूर्य, अति उज्वल दीपक श्रादि को देखना; सूने घर में अकेले सोना, पापी मित्र, स्त्री और सेवक का रखना; उत्तम मनुष्यों के साथ वैर करना, नीचों का संग करना, बुरे आदमी का विश्वास करना, अनार्य मनुष्य का सहारा पकड़ना, किसी को डराना, अति साहस करना, अति सोना, अति जागना, यति स्नान करना, अति पीना, अति भोजन करना, साँप आदि हिंसक जीवों के पास जाना, लड़ाई करना, भोजन करके विना हाथ मुँह धोए कहीं जाना, विना पसीना सूखे नहाना, नंगे होकर नहाना, गीली धोती का सिर पर लगाना, केशों को पकड़ कर खींचना, इत्यादि काम त्याज्य हैं - अकर्तव्य हैं ।
SR No.010061
Book TitleJain Shiksha Part 03
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages388
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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