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________________ ( १८ ) प्राय: इतना आलसी नहीं है कि अपनी पढ़ने की पुस्तक, दवात, पेंसिल, स्लेट ताना भूल जाय । यदि कोई भूल जाता है तो दूसरा लड़का अपनी चीज़ उसको तुरंत दे देता है ! वे लोग पढ़ते समय चुपचाप बैठे शिक्षा-गुरुओं से पाठ सीखते हैं। खाने की चीजें सब आपस में बांट २ कर खाते हैं । यदि कभी आपस में भूल से झगड़ा हो जाता है तो शिक्षा गुरु उनको यह शिक्षा देता है कि अपने बाइबल में ( धर्म-शास्त्र में ) लिखा है कि 'झगड़ा कभी करना नहीं । यदि भूल से हो जाय तो सूर्यास्त के पहले दूसरे के घर पर जाकर क्षमा मांगनी चाहिये । यदि कोई भूल से भी क्षमा न मांगे तो वह धर्म-भ्रष्ट समझा जाता है। कोई भी अच्छा मनुष्य उसका आदर नहीं करता है । उसको भी दूसरे दिन तो अवश्य क्षमा मांगनी पड़ती है, नहीं तो वह स्कूल में भर्ती नहीं हो सकता है । प्यारे बालको ! यह बात आपने विलायत की सुनी किन्तु अपने धर्म शानों में तो यहां तक लिखा हुआ है कि किसी से झगड़ा करना नहीं। यदि कभी हो जाय तो क्षमा मांगने के पहले मुँह का थूक भी पेट में उतारना नहीं। इसका अर्थ यह है कि एक मिनिट तक भी किसी पर क्रोध रखना नहीं । इस नियम को अच्छे मुनिराज व -
SR No.010061
Book TitleJain Shiksha Part 03
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages388
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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