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________________ रायबहादुर राज्यभूपण दानवीर सेठ हीरालालजी, इन्दौर मुझे कान्फ्रेन्स के कार्य मे पूर्णरूप से सहानुभूति है और इस कान्फेन्स की अधिक से अधिक सफलता चाहता हूँ, आजकल सगठन की आवश्यकता है और व्यावर कान्फ्रेन्स पर तीनो सम्प्रदायो के संगठन का एक अपूर्व अवसर है जिसमे चूकना नहीं चाहिए । श्री एन के शाह बी. ई न्यायतीर्थ बम्बई आबू के विश्वविख्यात मन्दिर जैनियो की निजी सम्पत्ति हैं, उनके दर्शन की स्वतन्त्रता मे ये कर बाधक है उनका विरोध होना ही चाहिए। हमे चाहिए कि मन्दिरो के दर्शन के लिए जाएँ लेकिन कर न दे। सरकार अत्याचार करे तो पहिसक नीति से उसका प्रतिकार करे, ऐसी हममे शक्ति प्राप्त हो । आपके प्रयत्लो की पूर्ण सफलता चाहता हूँ। सेठ गजराज जी, कलकत्ता सम्मेलन की शानदार सफलता चाहते है । मिस एलिजाबेथ फ्रेजर, कराची __ मैं एक यूरोपियन जैन के नाते इन टैक्सो का सस्त विरोध करती हूँ। मैं पूछना चाहती हूँ कि जब क्रिश्चियन और यूरोपियन को दर्शन पर कोई टैक्स नही है तब जैनो को अपने देश मे अपने ही मदिरो के निशुल्क दर्शन की क्यो आज्ञा नहीं है। ब्रिटिश नीति के अनुसार देव-दर्शन पर कोई कर नहीं लिया जाना चाहिए । राज्यभूषण राजरत्न दानवीर सर सेठ हुकुमचन्दजी, इन्दौर इस पत्र द्वारा हम अपना लिखित विरोध भेजते है कि सिरोही राज्य की ओर से प्राबू पर्वत पर स्थित सुप्रसिद्ध जैन मन्दिरो पर जो टैक्स लगाया है वह साधारण धार्मिक स्वतन्त्रता मे बाधक है और एक कलक है इसका हटवाने का प्रबन्ध करना चाहिए । सेठ राजमल लखीचन्द, जामनेर मेरी हार्दिक इच्छा है कि कान्फ्रेन्स के प्रयत्न सफल हो। श्री पी सी मोघा, जम्मू-काश्मीर कान्फ्रेन्स के उद्देश्यो के सम्बन्ध मे मेरी हार्दिक सहानुभूति है, मुझे आशा है कि आपके नेतृत्व मे कान्फेन्स जैन समाज के उत्थान और संगठन के लिए वास्तविक योजना बना सकेगी, साथ ही साथ वेलवाडा मदिरो के दर्शनाथियो पर से कर हटवाने मे सफल प्रयत्न होगी। सेठ गुलाबचन्द साँगिया बैकर, इन्दौर __ मैं समझता हूँ कि कान्फ्रेन्स ने महत्वपूर्ण समस्या के योग्य महत्वपूर्ण व्यक्ति को नेतृत्व के लिए चुना है, मुझे आशा है कि आप स्वय को इस दशा मे अवश्य ही सफल और विश्वसनीय सिद्ध करेगे। मेरी शुभ कामनाएं आपके साथ है ।
SR No.010058
Book TitleTansukhrai Jain Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJainendrakumar, Others
PublisherTansukhrai Smrutigranth Samiti Dellhi
Publication Year
Total Pages489
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size16 MB
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