SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 336
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ विचार है। कुछ उनी विदेशी के लिये हैं जिससे हमारे देश के नाइयों में इस सम्बन्ध में उमाह ही इस प प्र करें। उबन्दिन में The Dabhn Vegetarian Society है, विकी स्थापना डा० दोहरी हनी ने की है, जो वहीं गए हैं। यह संदेश, ड, ईने, अजवायना, साक्ष्य कीका, आलिया,जान और ब्रिटि दोनों में उतर रही है । Evening Mail Erening Herald और दुका बीच बढ़ा रही है। यह संन्या विवि उसे कार की श्रीमान देती है जिन्हें नारी बनाने की विधि मुख्य है । Ir. Florence, Gomiley से शह भोजन का Natural Pure Dis: कहते है गर्व से जितार करते हैं । इस संग ने २३,६०५६३ से अधिक व्यक्तियों के में काम है। इसी प्रकार The American Hamare Association है हम संग की स्थापना १८ में हुई इनका उद्देश्य पशुओं पर सूरा न होने देना, त्रों के कारी कार्य करता, पशुरक्षाका कार्य करना, शाकाहार का प्रचार करना इसका उद्देश्य है। इन कार्यालय 896 Pennsylvania, Street, Denver 3, Cold. U.S.A. यह पत्र, यान्तों, जिनकी विधि है । २१ वर्षकी इन्स्य ज्ञापत्र भरना होता है सि जीवन नरहरी रहने का संकल्प करना पड़ता है। अति सोमायी है, उमनियम है मंत्र नहीं है । क्योंकि गाय होता है। नतिविना उहुंच लिया है। जबकि मां अन्य पूर्व विद्यानि भी नहीं है । उभिएरहन आदि उनके विनाश से होता है। शुद्ध है। उन न है। forest में छहारा नहीं करना चाहिए जिन्हें कि है । अति: London Vegetarian Society के है. oि Bertrand मानों द्वारा धाकाहार का प्रचार मकता है । बने के लिए P. Allinson 3 R. A. S., और न Ronaldlightcver है। जिन्होंने द्वारा जीवन इस कार्य में गाडि | यह एक डाक्टर हैं। उनके पुत्र भी इस महा ज्वान करते है । उनी प्रकार : Dr. D. P. Allinson Advocate हैं, जिन्होंने शुरक्षा यात्री निशा को दूर करने का किया है। London Ww C. I. है । 30 ]. होने 81 Lams Conduit Sreet"
SR No.010058
Book TitleTansukhrai Jain Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJainendrakumar, Others
PublisherTansukhrai Smrutigranth Samiti Dellhi
Publication Year
Total Pages489
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy