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________________ काम करने की अद्भुत शक्ति श्री पन्नालाल जैन अग्रवाल नई दिल्ली ला० तनसुखरायजी को मै अर्से से जानता हूँ | आप एक परिश्रमी, उद्योगी, धर्म-प्रेमी व्यक्ति थे । आप मे काम करने व लेने की अद्भुत शक्ति थी। आप जिस काम को हाथ में लेते थे, पूरा करके ही छोडते थे। आपने कई आन्दोलनो का भी श्रीगणेश किया, कई समा-सोसाइटियो में भी कार्य किया। सवका श्रेय आपको ही है । आपके जीवन से सबको सवक लेना चाहिए । * * * * पत्रकारों की दृष्टि में श्री उमाशंकर शुक्ल वर्षा यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आप श्री तनसुखराय स्मृति-नथ के प्रकाशन का आयोजन कर रहे है । उनसे मेरा परिचय तो नही था किन्तु उनके बारे मे जो जानकारी प्राप्त हुई, उससे यह निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि आपने यह जो महत्वपूर्ण काम अपने हाथ में लिया है, उससे संकहो, हजारो व्यक्तियो को स्व० तनसुखरायजी के जीवन से स्फूर्ति व प्रेरणा प्राप्त होगी। मैं आपके इस साहस की सराहना करता हू तथा ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि मापने यह जो पुण्य कार्य हाथ मे लिया है, उसमे आपको सफलता प्राप्त हो । मै लालाजी को अपनी श्रद्धाजलि अर्पित करता हूँ। ग्रथ यदि मुझे प्राप्त हुआ तो मैं उस पर कुछ लिखू गा। पंजाब में जागृति का श्रेय श्री गुलाबसिंह जैन एडवोकेट हिसार (पंजाब) पूज्य बडे भाई साहब ने पजाब प्रान्त के बड़े २ शहरो मे धर्म जागृति पैदा करने में बड़ा महत्वपूर्ण कार्य किया। अन्य प्रान्तो की अपेक्षा इस प्रान्त मे त्यागी विद्वानो का पदार्पण वहुत कम होता है । इसलिए धार्मिक जागृति बहुत कम दिखाई देती है। परन्तु कार्य करने की लगन और धर्म श्रद्धा स्वभाव से इस प्रान्त में विशेष है। गोहाना, रोहतक, हिसार, अम्बाला आदि स्यानो पर जो समाज मे विशेष उत्साह दिखाई देता है उसका श्रेय स्व० लाला तनसुखराय जी को है। [ ७५
SR No.010058
Book TitleTansukhrai Jain Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJainendrakumar, Others
PublisherTansukhrai Smrutigranth Samiti Dellhi
Publication Year
Total Pages489
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size16 MB
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