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________________ मेवाड़-परिचय उदयपुर रेजिडंसी या मेवाड़ में ४ राज्य हैं । उदयपुर, बाँसवाड़ा - डूंगरपुर और परतापगढ़। इसकी चौहही उत्तर में अजमेर मेरवाड़ा और शाहपुर, उत्तर-पूर्व में जैपुर और बून्दी । पूर्व में कोटा, और टोंक, दक्षिण में मध्यभारत, पश्चिम में अरावली पहाड़ । सन् १९०१ में यहाँ जैनी ६ फी सदी थे। * उदयपुर-राज्य * "राजपूताने के दक्षिणी विभाग में २३°४९' से २५°२८' उत्तर अक्षांश और ७०°१' से ७५°४९' पूर्व देशान्तरके बीच फैला हुआ है । उसका क्षेत्रफल १२६९१ वर्गमील है। उदयपुर राज्य के उत्तर में अजमेर मेरवाड़ा और शाहपुरे (लिये) का इलाका; पश्चिम में जोधपुर और सिराही राज्य, नैऋत्य कोण में ईडर, दक्षिण में डंगरपुर, बाँसवाड़ा और प्रतापगढ़ राज्य, पूर्व में सिंधियों का परगना नीमच, टोंकका परगना, नींबाहेड़ा और बून्दी तथा कोटा राज्य हैं, और ईशानकोण में देवली के निकट जयपुर का इलाका आ गया है। इस राज्य के भीतर ग्वालियर का परगना गंगापर जिसमें १० गाँव हैं और आगे पूर्व में इन्द्रौर का परगना नंदवास (नंदवाय) आ गय है, जिसमें २९ गाँव हैं।" राजपूताने के प्राचीन जैन स्मारक पृ० १३८ । + राजपूताने का इतिहास पृ० ३०६ । .
SR No.010056
Book TitleRajputane ke Jain Veer
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAyodhyaprasad Goyaliya
PublisherHindi Vidyamandir Dehli
Publication Year1933
Total Pages377
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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