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________________ 1 ૭૨૦ जैनसम्प्रदाय शिक्षा तो जानना चाहिये कि - प्रजा में रोग और शोक होगा, दुर्भिक्ष पड़ेगा तथा राजा के चित्त में चैन नहीं रहेगा इत्यादि, यदि सूर्य खर में वायु तत्त्व चलता हो तो समझना चाहिये कि - राज्य में कुछ विग्रह होगा और वृष्टि थोड़ी होगी तथा यदि सूर्य खर में सुखमना चलता हो तो जानना चाहिये कि - अपनी ही मृत्यु होगी और छत्रभङ्ग होगा तथा कहीं २ थोड़े अन्न व घास आदि की उत्पत्ति होगी और कहीं २ बिलकुल नहीं होगी, इत्यादि ॥ वर्षफल जानने की तीसरी रीति ॥ १ - यदि माघ सुदि सप्तमी को अथवा अक्षयतृतीया को प्रातःकाल चन्द्र खर में पृथिवी तत्त्व वा जल तत्त्व चलता हो तो पूर्व कहे अनुसार श्रेष्ठ फल जानना चाहिये । २- यदि उक्त दिन प्रातःकाल अभि आदि तीन तत्त्व चलते हों तो पूर्व कहे अनुसार निकृष्ट फल समझना चाहिये । ३- यदि उक्त दिन प्रातःकाल सूर्य स्वर में पृथिवी तत्त्व और जल तत्त्व चलता हो तो मध्यम फल अर्थात् साधारण फल जानना चाहिये । ४- यदि उक्त दिन प्रातः काल शेष तीन तत्त्व चलते हों तो उन का फल भी पूर्व कहे अनुसार जान लेना चाहिये ॥ अपने शरीर कुटुम्ब और धन आदि के विचार की रीति ॥ १ - यदि चैत्र सुदि पड़िवा के दिन प्रातःकाल चन्द्र खर न चलता हो तो जानना चाहिये कि - तीन महीने में हृदय में बहुत चिन्ता और क्लेश उत्पन्न होगा । २- यदि चैत्र सुदि द्वितीया के दिन प्रातःकाल चन्द्र खर न चलता हो तो जान लेना चाहिये कि --परदेश में जाना पड़ेगा और वहाँ अधिक दुःख भोगना पड़ेगा । ३ - यदि चैत्र सुदि तृतीया के दिन प्रातःकाल चन्द्र खर न चलता हो तो जानना चाहिये कि - शरीर में गर्मी ; पित्तज्वर तथा रक्तविकार आदि का रोग होगा । ४-यदि चैत्र सुदि चतुर्थी के दिन प्रातःकाल चन्द्र खर न चलता हो तो जानना चाहिये कि - नौ महीने में मृत्यु होगी । ५--यदि चैत्र सुदि पञ्चमी के दिन प्रातःकाल चन्द्र खर न चलता हो तो जानना चाहिये कि - राज्य से किसी प्रकार की तकलीफ तथा दण्ड की प्राप्ति होगी । ६ - यदि चैत्र सुदि षष्ठी (छठ) के दिन प्रातःकाल चन्द्र स्वर न चलता हो तो जानना चाहिये कि इस वर्ष के अन्दर ही भाई की मृत्यु होगी । ७- यदि चैत्र सुदि सप्तमी के दिन प्रातःकाल चन्द्र खर न चलता हो तो जानना चाहिये कि इस वर्ष में अपनी स्त्री मर जावेगी ।
SR No.010052
Book TitleJain Sampradaya Shiksha
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages316
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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