SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 21
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ [ ग] তও १३१ १३३ १३५ १५१ १५३ १५५ ~ ३३. २४ तीर्थकरों के ५२ बोल ... ... ३४. गृहस्थों के जैन मंत्र से १६ संस्कार ३५, मृत्यु जानने के लिए ज्ञान .. .. ३६. मरकर किस गति गया इसका ज्ञान ३७. जबूद्वीप पन्नती आचारांग सूत्र में अनेक तीर्थों का लेख ३८. चैत्य प्रतिष्ठा सामग्री तिया सामग्री .. .. ३६. चैत्य प्रतिष्ठा विस्तार विधिः .... .... ४०. प्रात्म रक्षा और १- स्तुति देव वंदन ४१. संक्षेप चैत्य प्रतिष्ठा विधिः ... ४२. स्तूप प्रतिष्ठा विधिः विस्तार से ... ४३ द्वितीय स्तूप प्रतिष्ठा विधिः ... ४४. कलश प्रतिष्ठा विधिः ४५. दंडध्वज प्रतिष्ठा विधिः ४६. गृह प्रतिष्ठा विधिः .... १७, शान्तिकार्थ जल यात्रा विधिः .... ४८, शान्तिक पूजा विधि: ४६. गुरु वर्णन .... .... ५०. वीर प्रभू छद्मस्थ चूके नहीं इस पर सूत्रों का प्रमाण ५१. आठ प्रभावीक यति गुरु का प्रमाण .... ५२, धर्म तत्व १२ भावना स्वरूप .... ५३. पांच दान स्वरूप पंचपात्र .... ५४. दान निषेधक को सूत्रोपदेश .... ५५. शीलधर्म स्वरूप .... .... ५६. तपधर्म स्वरूप भाव की आवश्यकता ५७. जीव विचार विवरण ८. नवतत्व विवरण .... ५६. जीव तत्व की पहिचान ६०. पुद्गल पहिचान .... .... १६० १६२ १६७ १७१ १७५ ~ ~ ११२ .... ~ .... १९५ १९७ २०६ Y २४० .. .. ४
SR No.010046
Book TitleJain Digvijay Pataka
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages89
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy