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________________ ( २०९) २. मन्दारगिरि-भागलपुर से करीब ३० मील एक रमणीक पर्वत है। इसी से श्री वासुपूज्य भगवान ने मोक्ष प्राप्त की थी। ३. चंपापुर-भागलपुर से ४ मील, नाथनगर स्टेशन से १ मील । यहां श्री वासुपूज्य भगवान के गर्भ, जन्म, तप, ज्ञान, यह चार कल्याणक हुए हैं। . ४. पावापुर-विहार स्टेशन से ७ मील । यहां श्री महावीर भगवान ने मोक्ष प्राप्त की है। ५. कुण्डलपुर-पावापुर से १० मील के करीव । यहाँ श्री महावीर भगवान का जन्म प्रसिद्ध है * ६.राजगृह और विपुलाचल आदि पांच पर्वत-- विहार लाइन में राजगृह स्टेशन है । यहां श्रेणिक आदि अनेक जैन राजा हुए है। महावीर स्वामी का समवशरण पाया है। यहां से श्री गौतम गणधर, श्री जीपंधर कुमार आदि अनेक महात्माओं ने मोक्ष प्राप्त की है। श्री मुनिसुव्रत नाथ तीर्थकर का जन्मस्थान है। ७. गणोबा-राजगृह से ५ मील के करीब । यहां श्री गौतम स्वामीने तप आदि किया है। नवादा स्टेशन है। ८. श्री खण्डगिरि उदयगिरि-उड़ीसा के भुवनेश्वर * नोट-परन्तु उनका जन्मस्थान मुज़फ्फरपुर जिले में वसाढ़ ग्राम के पास होना चाहिये । वहीं स्थान बनना चाहिये।
SR No.010045
Book TitleJain Dharm Prakash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShitalprasad
PublisherParishad Publishing House Bijnaur
Publication Year1929
Total Pages279
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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