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भूमिका |
दश-वैकालिक-सूत्र सिद्ध- पूर्ण- ज्ञान । साधुरा पूजिछे याहा करिया धेयान || सव्वविरतिरूप चारित्र धर्मेर । विकाशक एइ ग्रन्थ सकल लोकेर || सन्तोष लभिवे वहा पड़ि साधु जन । दूर हवे पाप ताप करिले श्रवण ॥ आचार्य तुलसी पदे करि नमस्कार । शुन पूण्य कथा एवे हये शुद्धाचार || दश वंकालिक नाम अति सुशोभन । केमने हइल तार शुन विवरण ॥ शय्यम्भव नामे मुनि आचाय्ये सुजन । मेनसारतत्त्वे रचि दश अध्ययन ॥ विकाले प्रत्थेर शेष करेण वलिया । - वैकालिक नाम हय पृथिवी व्यापिया ॥ मनक नामेते मुनि पुत्र छिल तार । छय मास आयुः छिल अवशिष्ट आर ॥