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________________ ८८ ] आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी : व्यक्तित्व एव कर्तृत्व चित्र हिन्दी-आलोचना के क्षेत्र मे भी स्थायी महत्त्व रखते है । 'सरस्वती' का सम्पादन-- भार स्वीकार करने के पूर्व सन् १९०२ ई० से ही द्विवेदीजी पत्रिका मे व्यग्य-चित्रो का प्रकाशन प्रारम्भ करा चुके थे। इसके पूर्व सन् १९०१ ई० मे 'सरस्वती' (सख्या १०, पृ० ३५७) मे भी बाबू श्यामसुन्दरदास की प्रेरणा से 'चित्रगुप्त की रिपोर्ट' शीर्षक व्यग्य-चित्र प्रकाशित हुआ था। युक्त अक के पृष्ठ ३५० तथा ३५८ पर दो चित्र छपे थे । पहले चित्र मे एक सज्जन खड़े हुए किताब पर कुछ लिख रहे है और पस मे डाकिया खड़ा है। दूसरे चित्र में अपने चारो ओर कागज फैलाये चित्रगुप्त बैठे है, पास ही अरुणक कुछ कागज लेने के लिए हाथ फैला रहा है। इन दोनो ही साधान्य और स्पष्ट चित्रो के नीचे एक वक्तव्य सवादो के रूप मे लिखा है। मम्भव है. नित्र को बाबू श्यामनन्दन्दान ने बनवाया हो, परन्तु 'चित्रगुप्त की रिपोर्ट' शीर्षक जो सवादात्मक वक्तव्य महावीरप्रसाद द्विवेदी ने लिखा है. वही इस व्यग्य-त्रिव की गुल आत्मा है । उक्त वक्तव्य इस प्रकार है : __ चित्रगुप्त की रिपोर्ट चिट्ठीरसॉ : आपके नाम एक वी० पी० भी है। बाबू साहब : वी० पी० ! मेरे नाम !! नामुमकिन !!! चि० : यह लीजिए। बाबू : (खूब देख-भालकर) यह मेरे लिए नहीं । चि० : नाम तो बस आपका ही है। हिन्दो मे है, सो भी छपा हुआ है (पडता है)। बाबू : नहीं, नही । जहाँ से यह किताव आई है. वहाँ यह नाम कोई नहीं जाता। चि० : क्या आपके कई नाम है ? बाबू : बड़ा गुस्ताख है। चि० : कसूर माफ हो, इसी नाम पर आय हुए अखबार वगैरह में रोज हो आपको दे जाया करता हूँ। बाबू : अरे मूर्ख ! मेरे नाम के अगाड़ी औ पिछाड़ी जो कुछ होना चाहिए, वह इसपर नही है। मेरा नाम बकायदे नही लिखा। चि० : अच्छा आप इसपर लिख दीजिए कि अगाड़ी-पिछाड़ी के न होने से आप लेने से इनकार करते है। बाबू : फिर गुस्ताखी ! मैं तुम्हारी शिकायत करूंगा। (यह कहकर खड़े-ही-खड़े पेसिल से पैकेट पर 'इनकार किया' लिखकर बाबू साहब ने उसे चिट्ठीरसाँ को वापस किया ।) चि० : (चलता हुआ)। बाबू : है, वी० पी० ! अभी दो वर्ष भी पूरे नहीं हुए !! मेरी प्रतिष्ठा में चोट लगने का भी खयाल नही !!!
SR No.010031
Book TitleAcharya Mahavir Prasad Dwivedi Vyaktitva Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShaivya Jha
PublisherAnupam Prakashan
Publication Year1977
Total Pages277
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Biography, & Literature
File Size26 MB
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