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________________ आदिनाथ चरित्र ५१० प्रथम पर्व पूर्वाङ्गसे कम लाख पूर्व का होगा और दस लाख कोटि सागरोपमका अन्तर होगा । उसी नगरी में मेघराजा और मङ्गलारानीके पुत्र सुमति नामसे पांचवें तीर्थङ्कर होंगे । उनका सुवर्ण जैसा वर्ण, चालीस लाख पूर्व का आयुष्य और तीन सौ धनुषोंकी काया होगी । व्रत-पर्याय द्वादश पूर्व से कम लाख पूर्व का होगा और अन्तर नौ लाख कोटि सागरोपमका होगा । कौशाम्बी नगरी में घर राजा और सुसीमा देवीके पुत्र पद्मप्रभ नामके छठे तीर्थङ्कर होंगे 1 उनका लाल रंग, तीस लाख पूर्व' का आयुष्य और ढाई -सौ धनुबकी काया होगी। इनका व्रतपर्याय सोलह पूर्वाङ्गसे न्यून लाख पूर्वका और अन्तर नब्बे हजार कोटि सांगरोपमका होगा 1 वाराणसी- नगरीमें राजा प्रतिष्ठ और रानी पृथ्वीके पुत्र सुपार्श्व नामके सातवें तीर्थङ्कर होंगे। उनकी सोनेकीसी कान्ति, बीस - लाख पूर्व की आयु और दो सौ धनुषकी काया होगी । उनका व्रतपर्याय बीस पूर्वाङ्गसे कम लाख पूर्व का और अन्तर नौव हज़ार कोटि सागरोपमका होगा । चन्द्रानन नगर में महासेन राजा और -लक्ष्मणादेवीके पुत्र चन्द्रप्रभ नामसे आठवें तीर्थङ्कर होंगे। उनका वर्ण श्वेत, आयु दश लाख पूर्व की और काया डेढ़ सौ धनुषोंके -बराबर होगी। उनका व्रतपर्याय चौबीस पूर्वाङ्गसे तीन लक्ष पूर्व का और नौ सौ कोटि सागरोपमका अन्तर होगा । काकन्दी नगरी में सुग्रीव राजा और रामादेवोके पुत्र सुविधि नामके नवें तीर्थङ्कर होंगे। उनका वर्ण श्वेत, आयु दो लाख पूर्वकी और काया एक सौ धनुषों की होगी। उनका व्रतपर्याय अट्ठाईस पूर्वाङ्ग
SR No.010029
Book TitleAadinath Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratapmuni
PublisherKashinath Jain Calcutta
Publication Year
Total Pages588
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Story, & Mythology
File Size21 MB
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