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________________ ६७९ निश्चित तथ्य के बिना अपूर्ण सा ही लगता है।यों विद्वान् इसी अर्थ से सहमत है पवाडा शब्द निस्संदेह भाषा विज्ञान के शोधकर्ताओं के लिए एक महत्व पूर्ण शब्ब *। औजी कोश मैमी पवाड़ा शब्द की विभिन्न रूपों में व्याख्या की गई है। जिस प्रकार पवाडा शब्द की व्युत्पत्ति पर मत वैभिन्नय है ठीक वैस ही पवाडो के उद्भव पर भी मैतैक्य नहीं है। इस सम्बन्ध में स्वबंब चिन्तन ही आधार कहा जा सकता है।लोकमान के साथ पवाडो का अधिक प्रबन्ध स्पष्ट होता है। लोक गीत जीवन की उल्लास पूर्ण अभिव्यक्ति है उनमें पवाडे और अधिक सरस और स्पृहणीय लग तहै। यों पवाडो का शिल्प देखते हुए उसमे अनेक गुणों व तत्वों का समावेश होता है। लम्बा क्थानक, सरस संगीत, प्रवाहपूर्व अलंकरण रहित शैली, पक्तियों का आवर्तन, अलौकिकता,अति प्राकृत घटनाओं का आरोह अवरोह, नीति मयता व उपदेश प्रधानता रहती है।जहाँ बकवृत का धम्कन्छ है।पवाड़ी में अधिकतर वीरता मूलक या प्रेमाश्यान मूलक लोककथा हो होती है। प्रजन, निर्माण और मिलन ही इनकी लक्ष्य प्राप्ति होती है। इसप्रकार पवाणे संसार के हर प्रदेश में मिल जाते है। प्रो. प्रिम और गम्भीयर जैसेपाश्चात्य विद्वानों ने इस सम्बन्ध में विस्तार में लिखा है।वस्तुतः प्राचीन समय में स्वाभाविक अभिव्यक्ति के साथ चारण भाट भावि जिस काव्य की अयादि में गुना करकी के बा पवाड़ा ही था। पाश्चात्य विइबानों में इनकी इन्हीं विशेषवाओं के कारण इनको साहित्यिक, लोमाधात्मक परम्परागत और बारणी पवाडे ..... Literary Broadside Ballads, traditional ballads tatha Ministrel Balads.) 1. (a) tawada or Panwas H. & panegyria or exorniastie proc. in end of 1tentive poetry recounting the achive a varrher, the talents and attainments of . wohplay, or the power, virtues and excellencies of a Termometeomartha Marathisnglish Dictionary,18571 (11)Powad. &. (Babstantive) me (mas auline) opie pe on, 2 Satire, Slader 3 useless talk, babbling (Hetk' modern arati Englsh Diettenary, 1925.)
SR No.010028
Book TitleAadikal ka Hindi Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarishankar Sharma
PublisherHarishankar Sharma
Publication Year
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size84 MB
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