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________________ १९९ अतिजन बमद अनवरे बसंत विहां परधान तरुवर बास निकेतन केचन वित संतान बनि विरच श्री मदन चंदन बंदकर मीठ रवि अमई प्रीति सि सोहर मोहर विधुवन चीत (n-te) कोइलि माबुला डालि मालित करइ मिनाइ कामत करि आइसि बार पाडप साड धमन थिय न पयोहर मोड रका मा मारि मान र किस्या कारण नाम दीह विच्यारि नाहु निही छिम गामटि सामटि माई मानि भए महामडम सही सहीड बइ ए वाणि इन परि कोइलियड पूरा अति मनोर विधुर वियोगिनी धूया !...यक्यिोर (२५-२) बाबा भारि लागीय गागीय मधुकर माल सका मार कि विरपियवा धुपवरात आपकी बलि बाकी बांसी पनी बाग मिरविनीमा गायि गायिका मागि वीर मामा पर मिविया सिपी (n-10 Prodगार प्रयासपूर्व वर्षनीलाम इष्टिा परिचय मिलता । विरामी नायिका सीमामाको कामना,वाख के उसकी बाशी और कमिशार का प्रयासपूर्ण मालकारिक वर्षन देखिए। गो गोवामी राड़ी किमान पार मोति मो " मी काही बाकी विना बाड वाधिराज
SR No.010028
Book TitleAadikal ka Hindi Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarishankar Sharma
PublisherHarishankar Sharma
Publication Year
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size84 MB
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