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________________ मित्रबंध के मिलता है। अवलाद में चार चरण होते है। यह बाल वृत्त मात्रिक है।धवल की प्रत्येक पक्ति चौपाई और दोहे का समचरण है। इस प्रकार यह चार चरणों की योजना है। एक उदाहरण देखिए रोही राउत बाद पालि बिजार बिना बाली बक्क पहबर पूठितिमि वालि बोलए बलवीय भइसजेरवा रे रे रहि हि कुपीउ राउ, बित्व जामि हिन्धु मारिए विगण कोड न अबा अपाय वय जोगिम जीणा जीव (५) दो चौपाई सोरठा. बालात समभग सभी कृतियों में मिलते है। दोहा और चौपाई शक तो रबनाएं तक मिलती है यथा- मातृका दोहा, नारसरी, दोडा, नेमिनाथ चतुष्पदिका, विडंगति कापड, मातृका कापड, जिनदत्त कापड। मोरता मी बाधा प्रडका हुमा परमेश्वर बाहुबली राम के मा साथ तीनों प्रत्येक रचना में मिलता है। इन पर विस्तृत प्रकाश नहीं डाला गया है। ये किसी अन्यों के साथ मिलकर जब मित्रमेव बन जाते है तब इनका मूल्याकम मावश्यक हो जाता है।मत: यत्र तत्र बडा इनका विभिन्न नियों में मिले प्रयोग ना होगा बड़ा इन पर स्थान प्रकाश डाला भावगा। या व परवेयर बाहुबली के सबूब मस्त बा कमि में बौपाई और बरगल का मिथ यिा। परतेस्वर बाहुबली में यह बात 1- परोरवर बाकी श्रीमती पर Doba la amalarly = purely Apbhxanda Metre, but la a Tal Tratta, as I have shown abom and has been employed since very old days DOTramanarratsopoetry.. बाम भारतकामी-अपोल पीट१८. बारा करबबाहिदीसाहित्यका विकास
SR No.010028
Book TitleAadikal ka Hindi Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarishankar Sharma
PublisherHarishankar Sharma
Publication Year
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size84 MB
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