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________________ श्री शान्तिस्वरूप, 'कुसुम' श्री शान्तिस्वरूप 'कुसुम'को काव्य-रचनाके लिए जन्म-जात प्रतिभा मिली है। आपका जन्म १५ अक्तूबर सन् १९२४को धनोरा (मेरठ)में हुआ। आपने हाई स्कूल तक ही शिक्षा प्राप्त की है, और प्राजकल सहारनपुरमें इम्पीरियल बैंकमें खजांची हैं। __आपको हिन्दी साहित्यसे वचपनसे ही अनुराग रहा है और स्वतः स्फूतिसे प्रेरित होकर अापने कविता-रचना प्रारम्भ की है। थोड़े ही समयमें आपने इस दिशामें बहुत उन्नति कर ली है और भविष्यमें आप निःसन्देह हिन्दी कवि-समाजमें विशेष गौरव और पादरका स्थान प्राप्त कर सकेंगे। ___ आपके गीतोंमें उच्च कला, सफल सौन्दर्य और अभिनव सरसताके दर्शन होते हैं। इनकी कविता प्रवाह होता है जो इस बातका प्रमाण है कि कविता और कविताको शब्द-योजना हृदयके स्पन्दनसे उत्पन्न हुई है और वह निर्भरकी तरह प्रकृत्रिम धाराके रूपमें बह रही है। 'कुसुम'का भावुक हृदय, वेदनाके हलके-से आघातसे भी झनझना उठता है। पर, शायद वह निराशावादी नहीं हैं। भविष्यमें प्रगतिको जो वाञ्छनीय रूप लेना है उसके प्रति कुसुम-जैसे उठते हुए कवि-कलाकारोंका विशेष उत्तरदायित्व है। हिन्दी साहित्यको श्री शान्तिस्वरूप 'कुसुम'से भविष्यमें बहुत आशाएं हैं। - ८४ -
SR No.010025
Book TitleAadhunik Jain Kavi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRama Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1947
Total Pages241
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, & Literature
File Size5 MB
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