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________________ babakia kat kbb bb bb bbs to tab tota la to to to to to to to to to to to to tooto Kouts to to to testouto Yo! सूत्र विभाग ३१ लिया। रिश्वत ( घूस ) खाई । विश्वासघात किया, ठगाई की । हिसाब किताब में किसी को धोखा दिया । माता, पिता, पुत्र, मित्र, स्त्री आदि के साथ ठगाई कर किसी को दिया । अथवा पूञ्जी अलाहदा रखी, अमानत रखी हुई वस्तु से इनकार किया । पड़ी हुई चीज़ उठाई । इत्यादि तीजे स्थूल अदत्तादान विरमणव्रत सम्बन्धी जो कोई अतिचार पक्खी दिवसमें सूक्ष्म या बादर जानते अजानते लगा हो वह सब मन, वचन, काया कर मिच्छामि दुक्कडं । P चौथे खदारासंतोष परस्त्रीगमन - विरमणव्रत के पांच अतिचार'अप्परिगहिया इतर ० ' - पर स्त्री गमन किया। अविवाहिता कुमारी विधवा वेश्यादिक से गमन किया । अनङ्ग क्रीड़ा की । काम आदि की विशेष जाग्रति की अभिलाषा से सराग वचन कहा । अष्टमी, चौदस आदि पर्व तिथि का नियम तोड़ा | स्त्री के अंगोपांग देखें, तीव्र अभिलाषा की । कुविकल्प चिन्तन किया । पराये नाते जोड़े। अतिक्रम, व्यतिक्रम, अतिचार, अनाचार, स्वप्न, स्वप्नान्तर हुआ । कुवप्न आया । स्त्री, नट, विट, भांड़ वेश्यादिक से हास्य किया । स्वस्त्री में सन्तोष न किया । इत्यादि चौथे वदारासंतोष परस्त्रीगमन विरमणव्रत सम्बन्धी जो कोई अतिचार पक्खी दिवस में सूक्ष्म या बादर जानते अजानते लगा हो वह सब मन, वचन, काया कर मिच्छामि दुक्कडं । * चौथे पर पुरुष विरमणव्रत के पांच अतिचार - पर पुरुष गमन अविवाहित तथा विधवावस्था में गमन किया हो अनङ्ग क्रीड़ा पर पुरुष पर दृष्टिपात कामादि की विशेष जाग्रिती की अभिलाषा से पर पुरुष से सराग वचन कहा अष्टमी, चौदस आदि पर्व तिथि में नियम तोड़ा पर पुरुष के अंगोपांग देखे तीव्र अभिलाषा की खराब विचार चिन्तवन किया पराये नाते जोड़े गुड्ड गुड्डियों का विवाह कराया वा किया अतिक्रम, व्यतिक्रम, अतिचार, अनाचार, स्वप्न, स्वप्नान्तर हुआ कुस्वप्न आया पुरुष, नट, विट, * श्राविकाओं को निम्नलिखित चौथेवन का पढ़ना उपयुक्त है। to its lata laka balata
SR No.010020
Book TitleJain Ratnasara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSuryamalla Yati
PublisherMotilalji Shishya of Jinratnasuriji
Publication Year1941
Total Pages765
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size32 MB
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