SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 197
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ వదులు తుందటడులు వుండునుడు గురువును తడపడుతుండటం దగర పడు विधि-विभाग १७३ rrrrrrrrrammar nemamrpawormananeer नवपद जयति (वन्दना). नक पद जयति, चैत्यवन्दन, स्तवन थूई अरिहन्त पद की १२ जयति ॥१॥ अशोक वृक्ष प्रातिहार्य संयुक्ताय श्री अरिहन्ताय नमः॥ २ ॥ पुष्प वृष्टि प्रातिहार्य संयुक्ताय श्री अरिहन्ताय नमः ॥ ३ ॥ दिव्य ध्वनि प्रातिहार्य संयुक्ताय श्री अरिहन्ताय नमः ॥ ४ ॥ चामरयुग प्रातिहार्य संयुक्ताय श्री अरिहन्ताय नमः ॥५॥ स्वर्ण सिंहासन प्रातिहार्य संयुक्ताय श्री अरिहन्ताय नमः ॥६॥ भामण्डल प्रातिहार्य संयुक्ताय श्री अरिहन्ताय नमः ॥७॥ दुन्दुभि प्रातिहार्य संयुक्ताय श्री अरिहन्ताय नमः ॥८॥ छत्रत्रय प्रातिहार्य संयुक्ताय श्री अरिहन्ताय नमः ॥९॥ ज्ञानातिशय संयुक्ताय श्री अरिहन्ताय नमः ॥१०॥ पूजातिशय संयुक्ताय श्री अरिहन्ताय नमः ॥११॥ वचनातिशय संयुक्ताय श्री अरिहन्ताय नमः ॥१२॥ अपाया पगमातिशय संयुक्ताय श्री अरिहन्ताय नमः ॥ अरिहन्त पद चैत्यवन्दन जय जय श्री अरिहन्त भानु, भवि कमल विकाशी । लोकालोक अरूपि रूप, सम वस्तु प्रकाशी ॥१॥ समुद्घात शुभ केवले, क्षय कृत मल राशी । शुक्ल चरम शुचि पाद से, भयो वरन अविनाशी ॥२॥ अन्तरङ्ग रिपु गण हणिए, हुए अप्पा अरिहन्त । तसु पद पंकज में रहत, हीर धरम नित सन्त ॥३॥ अरिहन्त पद स्तवन श्री तेरम गुण बसि के कन्त, कर्म कुभंजे श्री अरिहन्त मन मानले । अष्ट समय में समयें तीन, सर्व आहार थी होवे हीन मन मानले ॥१॥ बादर का ये मन वच भोग, तनु तनु से फुन दृढ़ तनु योग मन मानले । सूक्ष्म काय ते मन वच रोक, निज वीर्य ताकं कर फोक मन मानले ॥२॥ * तीर्थकर भगवान को केवल ज्ञान होनेके वाद विहारकाल में उपरोक्त अतिशय होते है। Beliandlalonlinoloniatelnelialecketelwalisiakhalandarlarkikheleelakaalatkirimerokelewrinkakirloskenairlmisleeleoinkinlaololarlaliplinairankieiroilatiniantrellookindialorlelalasardaalathortioristiatestantastentilatathelasasudsystatus
SR No.010020
Book TitleJain Ratnasara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSuryamalla Yati
PublisherMotilalji Shishya of Jinratnasuriji
Publication Year1941
Total Pages765
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size32 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy