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________________ विधि - विभाग चतुर्थ पढ़ १ प्रतिरूप गुणधराय श्री आचार्याय नमः | २ तेजस्वी गुणधराय श्री आचार्याय नमः | ३ युग प्रधानागमाय श्री आचार्याय नमः । ४ मधुर वाक्य गुणधराय श्री आचार्याय नमः । ५ गम्भीर गुणधराय श्री आचार्याय नमः । ६ सुबुद्धि गुणधराय श्री आचार्याय नमः । ७ उपदेश तत्पराय श्री आचार्याय नमः | ८ अपरिश्रावि गुणधराय श्री आचार्याय नमः | ९ चन्द्रवत्सौम्यत्वगुणधराय श्री आचार्याय नमः | १० विविधाभिग्रहमतिधराय श्री आचार्याय नमः | ११ अविकथक गुणधराय श्री आचार्चाय नमः | १२ अचपल गुणधराय श्री आचार्याय नमः | १३ संयम शीलगुणधराय श्री आचार्याय नमः | १४ प्रशान्तहृदयाय श्रीमदाचार्याय नमः | १५ क्षमागुणाय श्रीमदाचार्याय नमः | २६ मार्दवगुणाय श्रीमदाचार्याय नमः । १७ आर्जवगुणाय श्रीमदाचार्याय नमः | १८ निर्लभतागुणाय श्रीमदाचार्याय नमः । १९ तपोगुणयुक्ताय श्रीमदाचार्याय नमः | २० संयमगुण युक्ताय श्रीमदाचार्याय नमः | २१ सत्यधर्म युक्ताय श्रीमदाचार्याय नमः | २२ शौचगुण युक्ताय श्रीमदाचार्याय नमः | २३ अकिञ्चन गुणयुक्ताय श्रीमदाचार्याय नमः | २४ ब्रह्मचर्य गुणयुक्तायश्रीमदाचार्याय नमः | २५ अनित्य भावना भाविताय श्रीमदाचार्याय नमः | २६ अशरण भावना भाविताय श्रीमदाचार्याय नमः | २७ संसार भावना भाविताय श्रीमदाचार्याय नमः | २८ एकत्व भावना भाविताय श्रीमदाचार्याय नमः । २९ अन्यत्व भावना भाविताय श्रीमदाचार्याय नमः | ३० अशुचि भावना भाविताय श्रीमदाचार्याय नमः | ३१ आश्रव भावना भाविताय श्रीमदाचार्याय नमः | ३२ संवर भावना भाविताय श्रीमदाचार्याय नमः | ३३ निर्जर भावना भाविताय श्रीमदाचार्याय नमः | ३४ लोक खभाव भावना भाविनाय श्रीमदाचार्याय नमः | ३५ बोधिदुर्लभ भावना भाविनाय श्रीमदाचार्याय नमः | ३६ दुर्लभ धर्मसाधक भावना भाविताय श्रीमदाचार्याय नमः | 2.50 C ...... १४१ 7.76575
SR No.010020
Book TitleJain Ratnasara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSuryamalla Yati
PublisherMotilalji Shishya of Jinratnasuriji
Publication Year1941
Total Pages765
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size32 MB
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