SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 61
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ शिग्गांव-मण्णिगेरिके लेख शिग्गांव (धारवाड, मैसूर ) शक ६३० = सन् ७०० सस्कृत-नागरी [यह ताम्रपत्र चालुक्य राजा विजयादित्यके ११वे राज्यवर्ष शक ६३० में आषाढ पौर्णिमाके दिन दिया गया था। किसुवोललके राजस्कन्धावारसे राजाने पुरिगेरे नगरमे कुंकुमादेवी-द्वारा निर्मित जिनमन्दिरके लिए गुड्डिगेरे ग्राम दान दिया ऐसा इसमें उल्लेख है। ] [रि० इ० ए० १९४५-४६ ए० ० ४९] ४६ अण्णिगेरि स्तम्भलेख ( जि. धारवाड, मैसूर ) राज्यवर्ष ६ = सन् ०५१-५२, कार १ स्वस्ति कीर्तिवर्म(सत्या)श्रय २ श्रीपृथु(वीवल्लम) महाराजा ३ धिराज परमेश्वर भटारर ४ राज्य मोन्दुत्तरममिवृद्धि स५ ले आरनेया दर्य प्रव- ६ ईमानमागे ने• बुलगेरिंगे कलि- . यम्म गामुण्डगेब्दी ९ चेदियमानमाडिसिटोद् १० इदर मुन्दे कोण्डि११ शुलरकुप कीर्तिवर्म- १२ गोसासिय निरिसिता १३ कीर्तन । दीशापालस्य लि- १४ खित । प्रभुनामन् । [यह लेख वदामीके चालुक्य राजा कीर्तिवर्मा द्वितीयके राज्यके छठे वर्षका अर्थात् सन् ७५१-५२ का है। इसमें जेबुलगेरिके प्रामाधिकारी कलिमय्य-द्वारा एक चेदिय अर्थात् जिनमन्दिर बनवाये जानेका निर्देश है। [ए० इ० २१ पृ० २०४]
SR No.010009
Book TitleJain Shila Lekh Sangraha Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyadhar Johrapurkar
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages464
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy