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________________ -आस्था की ओर बढ़ते कदम अपनी गुरूणी से शास्त्रों का स्वाध्याय किया। शास्त्र अध्ययन के साथ साथ आप ने दूसरे धमों के ग्रंथों का तुल्नात्मक अध्ययन किया। आप की संसार के सभी धर्मों की झलक आप के प्रवचन में मिलती है। साध्वी श्री का आभा मण्डल हर व्यक्ति पर अपनी छाप छोड़ जाता है। आप का जैन ज्योतिष, मंत्र शारत्र पर अच्छा अधिकार है। आप गुप्ततपविनी, सरलात्मा हैं। आप के दिशा निर्देश में हम दोनों को वहुत से कार्य सम्पन्न करने का सुअवसर मिला है। आप वहुत ही करूणामय आत्मा हैं। आप ने धर्म के ज्ञान के साथ-साथ बहुत सी भाषाओं का अभ्यास किया है। आप ने पंजाव विश्वविद्यालय से वी.ए. तक की शिक्षा अर्जित की है। हमारे सारे कार्यक्रम आप के आर्शीवाद व प्रेरणा से सम्पन्न होते हैं। आप जैसा विनयवान सरलात्मा विरला ही मिलता है। भगवान महावीर का कथन है “सरल आत्मा में धर्म ठहरता है।" आप पर पूर्ण घटित होती है। आप सहजता, सरलता व करूणा की प्रतिमा. हैं। आप भव्य आत्मा हैं। आप का जीवन उस फूल की भांत है जिस में सुन्दरता भी है सुग्रधि भी है। आप का जीवन लाखों जीवों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत वना है। हम भाग्यशाली हैं कि हमें आप के निर्देशन में अनेकों सेवा के कार्य करने की वलवती प्रेरणा मिलती है। आप की दिशा निर्देशन में जहां दीक्षा समारोह होते हैं वहां पंजाबी ग्रंथों का प्रकाशन, अवाडों की स्थापना व संस्थाओं का निर्माण आप की प्रेरणा प्रमुख है। . आप की देख रेख में कई समारोह अम्बाला में सम्पन्न हुए हैं। स्व० गुरूणी स्वर्णकांता जी महाराज की आप सलाहकार शिष्या हैं। उन्होंने हर मामले में आप की राय पूछी। अगर इतनी महान साध्वी श्री स्वर्णकांता जी महाराज 274
SR No.009994
Book TitleAstha ki aur Badhte Kadam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurushottam Jain, Ravindar Jain
Publisher26th Mahavir Janma Kalyanak Shatabdi Sanyojika Samiti
Publication Year
Total Pages501
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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