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________________ आस्था की ओर बढ़ते कदम आचार्य की स्मृति में सारे भारत में संस्थाओं का जाल विछा है पर ऐसी कोई संस्था नहीं बनी थी जो आप के द्वारा प्ररूपित सिद्धांतों का प्रचार कर सके। आचार्य श्री ने सारा जीवन जैन साहित्य के विभिन्न पक्षों पर प्रमाणिक साहित्य तैयार किया। उनके साहित्य के प्रचार व प्रसार की कमी कई वर्षों से की जा रही थी । इस कमी को पूरा करने के लिए जैन चेयर में आचार्य आत्मा राम जैन भाषण माला की • स्थापना, जैन चेयर के उद्घाटन के समय हुई। जिसका अच्छा प्रभाव पड़ा। इस भाषण माला में पंजाब के विद्वानों व विद्यार्थीयों को बहुत लाभ मिल रहा है। इस भाषण माला के प्रथम भाषण कुलपति की अध्यक्षता में हुआ। पहले प्रवचन में बहुश्रुत भाषण श्रमण संघ के सलाहकार कवि श्री ज्ञान मुनि जी महाराज ने आचार्य श्री आत्मा राम व्यक्तित्व व कृतित्व पर हुआ । पूज्य ज्ञान मुनि जी अपने नाम के अनुरूप महान् विभूति थे । आप साहित्य के अतिरिक्त समाज सेवा में अग्रसर रहते थे। आप ने अनेकों परोपकार के कार्य करने की प्रेरणा अपने भक्तों को दी है। आप श्रमण संघ के प्रथमाचार्य श्री आत्मा राम जी महाराज के शिष्य हैं। आप का प्रवचन सिनेट हाल में रखा गया। जैन चेयर के प्रमुख डा० भट्ट ने श्री ज्ञान मुनि जी का परिचय देते हुए कहा "आप आचार्य श्री के विद्वान शिष्य हैं, आप ने लम्बे समय आचार्य श्री की सेवा की है। आप की श्रुत सेवा महान है। आज एक शिष्य के श्री मुख से अपने गुरू की महिमा सुनने का अवसर मिलेगा ।" श्री ज्ञान मुनि जी का सन्मान वाईस चांसलर महोदय ने किया। उन्होंने भाषण माला का प्रधानगी भाषण देते हुए श्री ज्ञान मुनि जी महाराज के पंजाबी होने के बावजूद उनको संस्कृत, प्राकृत व अपभ्रंश जैसी प्राचीन भाषाओं पर कार्य करने पर बधाई दी । 101
SR No.009994
Book TitleAstha ki aur Badhte Kadam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurushottam Jain, Ravindar Jain
Publisher26th Mahavir Janma Kalyanak Shatabdi Sanyojika Samiti
Publication Year
Total Pages501
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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