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________________ एकता और मजबूती के लिए उसके प्रत्येक घटक का सम्मान अनिवार्य है, यदि आज के तथाकथित बड़े लोग सेठ सुगन चंद जी का अनुशरण करने लगें तो समाज की तस्वीर बदल सकती है। वात्सल्य अंग कहता है कि यदि किसी में परिवर्तन लाना चाहते हो तो प्रेम से भरो, प्रेम और वात्सल्य से ही किसी के हृदय में पहुँचा जा सकता है। हृदय में पहुंचे बिना हृदय परिवर्तन संभव नहीं। संत कहते हैं कि अपने हृदय को विशाल बनाओ, सबके प्रति उदार बनो। प्रेम, वात्सल्य और उदारता के बल पर बुरे-से-बुरे व्यक्ति को बदला जा सकता है। ____ फलटन में एक जैन परिवार था। परिवार के मुखिया सात प्रतिमाधारी थे। वे बहुत सरल और धर्मज्ञ थे। सारा परिवार धर्मपरायण था। दुर्भाग्य से उनका एक पौत्र व्यसनों से ग्रस्त था। वह कुल का कलंक बना हुआ था। वह एक वेश्या के साथ ही रहने लगा था। उसके कारण सारा परिवार बहुत दुःखी था। एक ओर सब सदाचारी-व्रती, जिनधर्म के अनुयायी, देव-शास्त्र-गुरु के प्रति आस्थावान् और दूसरी ओर वह व्यसनों में लिप्त, वेश्यागामी। परिवार के लोगों ने उससे संबंध ही नहीं रखा, वर्षों बीत गये। अब एक शादी का शुभ अवसर आया। परिवार में उमंग उत्साह छा गया। सब नाते-रिश्तेदारों को निमंत्रण भेजे गये। परिवार के प्रमुख दादाजी ने अपने लड़कों से पूछा- “सबको निमंत्रण दे दिया? उस लड़के को बुलाया कि नहीं?" उसके पिता ही कहने लगे"दादा! उस कुलकलंकी को बुलाने से जग में हँसाई होगी।' दादाजी ने समझाया- “बेटे! खून के रिश्ते ऐसे नहीं भुलाये जाते । जाओ, उसे भी बुला लाओ।" दादाजी की बात टाली नहीं जा सकती थी। न चाहते हुये भी उसके छोटे भाई को एक निमंत्रणपत्र देकर भेजा गया । वो गया, उसने ऊपर से छोटे भाई को आते देखा, परन्तु नीचे नहीं आया। छोटे भाई ने भी दरवाजे 10 582
SR No.009993
Book TitleRatnatraya Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSurendra Varni
PublisherSurendra Varni
Publication Year
Total Pages800
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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