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________________ दिन। तब क्यों इनमें राग बढ़ाकर दुःखी होते जा रहे हो? ऐसी प्रकृति क्यों बना रखी है कि एक छूटकर दूसरे में मोह करने लगे? जैसे आपको सबसे अधिक स्नेह जिस किसी में था, उसकी मृत्यु हो गयी, तब कहाँ गये वे सुख-विलास, कहाँ गयी वह मोह-ममता? जब आपसे इतना बड़ा मोह ही बीत गया, छूट गया, तब इन बाहय पदार्थों में फिर से क्यों राग-द्वेष की वृद्धि करते हो? छुट तो ये भी जावेंगे एक-न-एक दिन । फिर इनमें पड़कर क्यों स्वतंत्रता खो रहे हो? क्यों न इनके प्रति मोह-ममता की, राग-द्वेष की बुद्धि को नष्ट करूँ? अतः अपने स्वरूप को पहिचानो और परपदार्थों से स्नेह हटाओ।। जब जिससे तीव्र मोह था, उससे ही मोह छूट गया, तब इन छोटी-छोटी बातों में क्यों राग करते हो? जैसे एक सेठ को किसी व्यक्ति से एक लाख रुपये कर्जे के चाहिए थे। वह हो गया गरीब, तो अन्य व्यक्तियों ने सेठजी से कहा कि बेचारे की वह दशा नहीं रही, अतः अब केवल 500 रुपये ही ले लो, 99500 रुपये छोड़ दो। तो सेठजी ने सोचा कि जब सभी छोड़ दिया, तब 500 रुपये के लिये क्यों लेने का नाम करें? इसी प्रकार सोचना चाहिए कि जब हमें जिससे कुटुम्ब में सबसे अधिक राग/मोह था, वही बीत गया, तब इन थोड़ी-थोड़ी बातों में क्या राग करना, क्यों ममता करना? रामचन्द्र जी को सबसे अधिक मोह लक्ष्मण से था। ऐसा कि उनके मरने पर भी उस मृतक देह को लिये-लिये फिरे। जब उनसे ही उनका मोह छूट गया, तब किसी से मोह न रहा। फिर वे दिगम्बर निर्ग्रन्थ मुनि हो गये और मुक्त हो गये। अतः जब सबसे बड़ा मोह ही बीत गया, फिर छोटी-छोटी बातों में क्यों पड़ना? मोही जीवों में ऐसी आदत पड़ी है कि यदि बड़ा राग छूटा, तो भी छोटे में प्रवृत्ति करके राग बढ़ा लेते हैं। आचार्यों ने कहा है कि रागी होगा तो कर्मों से बन्धेगा और वीतरागी होगा तो कर्मों से छूटेगा। कर्ममुक्त होना है तो राग छोड़ दो। जिनकी हम पूजा करते हैं, दर्शन करते हैं, उन्होंने और क्या किया? अपने को निर्मल बनाया, अपना ज्ञान निर्मल रखा, वीतरागी रहे, ज्ञान-दर्शन शक्ति अनन्त प्रकट हुई, स्वच्छ हो गये, कर्मरहित हो गये, परम आनन्द को पाया, तब वे परमात्मा हो गये। अतः उनके दर्शन कर यही विचार पैदा करो कि w 416 i
SR No.009993
Book TitleRatnatraya Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSurendra Varni
PublisherSurendra Varni
Publication Year
Total Pages800
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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