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________________ हैं। ऐसे जीव अनादिकाल से जन्म-मरण के दुःख सहन करते हुये संसार - सागर में गोता खा रहे हैं । जो आत्मा के स्वरूप को जानते हैं, वे आत्मज्ञानी अन्तरात्मा सम्यग्दृष्टि जीव हैं। अन्तरात्मा के तीन भेद हैं - उत्तम, मध्यम एवं जघन्य । तीनों प्रकार के अन्तरात्मा अनन्त संसार से विमुख, जन्म-मरण के दुःख से भयभीत तथा संसार, शरीर, भोगों से विरक्त रहकर निरन्तर यथार्थ वस्तु स्वरूप को प्राप्त करने की भावना में तन्मय रहते हैं, यानि मोक्षमार्ग पर बढ़ते रहते हैं। जो समस्त अंतरंग और बहिरंग परिग्रह से रहित शुद्धोपयोगी आत्मध्यानी मुनिराज हैं, वे उत्तम अन्तरात्मा हैं। वे अतीन्द्रिय आत्मिक सुख का पान करते हैं। जो जीव व्यक्ति से पूर्ण सर्वज्ञ, वीतराग व शुद्ध हो गये हैं, वे परमात्मा हैं । बहिरात्मा जीव कुटुम्ब - परिवार, मकान, दुकान आदि को ही अपना सबकुछ समझते हैं, जिसके फलस्वरूप संसार की चारों गतियों में ही दुःख उठाते हुये भटकते रहते हैं। उन्होंने तो संसार में बहुत समय तक रुकने की रजिस्ट्री करवा ली है। बहिरात्मपना सब तरह से त्यागने योग्य है, क्योंकि उस दशा में प्राणी अपने स्वरूप को व सच्चे सुख को न जानकर इन्द्रियों की इच्छाओं के वश में पड़ा हुआ रात-दिन उन्हीं की तृप्ति के यत्न में मग्न रहता है तथा इन्द्रिय विषयों के पदार्थों के संग्रह करने में बड़ी भारी तृष्णा रखता है और उन पदार्थों के संयोग में भारी हर्ष तथा उनके वियोग में भारी शोक करता है । वह रोगादि दुःख होने व मरण होने पर बहुत क्लेशित होता है। स्त्री, पुत्रादि के मोह में पड़कर उनके लिये न्याय व अन्याय किसी भी बात का विचार न करके पैसे लाता है। उद्यम तो बहुत करता है, पर मरते समय तक भी आशा को पूरी नहीं कर पाता, किन्तु बढ़ी-चढ़ी आशा को लिये हुये आर्त्त व रौद्र ध्यान से मरण कर पशु आदि खोटी योनियों में पहुँच जाता है। उसका वर्तमान जीवन भी दुःखी व भविष्य का जीवन भी दुःखी होता है । बहिरात्मा व्यक्ति धन को ही सबकुछ समझता है । वह धन कमाने में ही अपनी इस दुर्लभ पर्याय को समाप्त कर देता है । पर ध्यान रखना, दुःख से छूटने और सुख प्राप्त करने का उपाय धन नहीं, धर्म है। जिस धन को कमाने 116 S
SR No.009993
Book TitleRatnatraya Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSurendra Varni
PublisherSurendra Varni
Publication Year
Total Pages800
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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