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________________ मन्त्र शास्त्र में अकडम चक्र का प्रयोग अथ अ क ड म चक्र प्रयोगनाम- पुरुष के नाम के पहले अक्षर से मन्त्र के नाम अक्षर तक गिनना । मन्त्र सिद्ध सिद्ध देखे | अर्थ - पुरुष के नामाक्षर तक गिरणाई पहले सिद्ध विजई साध्य, तीजई सु सिद्ध, चउरि शत्रुता इरणी । लघुविद्यानुवाद नुक्रम से बारह स्थान कूँ जो बारह कोठे है उनमे गिनकर शुभ अशुभ सिद्ध प्रसिद्ध देखो । १-५ - ६ कोठा के अक्षर यावे तो देर से सिद्ध, २-६-१० कोठा के अक्षर आवे तो सिद्ध हो या न भी हो, ३-७-११ कोठा के अक्षर हो तो जल्दी सिद्ध हो, ४-८-१२ कोठा के अक्षर हो तो शत्रुता, कार्य न हो । अः ऊ मज्ञः अ ट औऊ पह ऐऊ नस व क्ष जओ फत्र उ ओप ऱ्ह 1 ए ज न स ष ह छ्ध अ क न अक उ भ ए छ ध श चं ऋट द ष 4 थल अक उम 求 व आख दय ऑफ पर उ डच न अ च दश क ठभ आअ इम इ इ ख द य ऊ त घल रउ गण १३
SR No.009991
Book TitleLaghu Vidhyanuvad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj, Vijaymati Aryika
PublisherShantikumar Gangwal
Publication Year
Total Pages774
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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