SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 110
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (२.३.१४१-१४१) ३. महापरिनिब्बानसुत्तं च सत्तसु अपरिहानियेसु धम्मेसु भिक्खू सन्दिस्सिस्सन्ति, वुद्धियेव, भिक्खवे, भिक्खून पाटिकङ्खा, नो परिहानि"। १४१. “छ, वो भिक्खवे, अपरिहानिये धम्मे देसेस्सामि, तं सुणाथ; साधुकं मनसिकरोथ; भासिस्सामी''ति । “एवं, भन्ते''ति खो ते भिक्खू भगवतो पच्चस्सोसुं । भगवा एतदवोच “यावकीवञ्च, भिक्खवे, भिक्खू मेत्तं कायकम्मं पच्चुपट्ठापेस्सन्ति सब्रह्मचारीसु आवि चेव रहो च, वुद्धियेव, भिक्खवे, भिक्खूनं पाटिकङ्खा, नो परिहानि ।। “यावकीवञ्च, भिक्खवे, भिक्खू मेत्तं वचीकम्मं पच्चुपट्ठापेस्सन्ति...पे०... मेत्तं मनोकम्मं पच्चुपट्ठापेस्सन्ति सब्रह्मचारीसु आवि चेव रहो च, वुद्धियेव, भिक्खवे, भिक्खून पाटिकङ्खा, नो परिहानि । ___“यावकीवञ्च, भिक्खवे, भिक्खू, ये ते लाभा धम्मिका धम्मलद्धा अन्तमसो पत्तपरियापन्नमत्तम्पि तथारूपेहि लाभेहि अप्पटिविभत्तभोगी भविस्सन्ति सीलवन्तेहि सब्रह्मचारीहि साधारणभोगी, वुद्धियेव, भिक्खवे, भिक्खूनं पाटिकङ्खा, नो परिहानि । “यावकीवञ्च, भिक्खवे, भिक्खू यानि कानि सीलानि अखण्डानि अच्छिद्दानि असबलानि अकम्मासानि भुजिस्सानि विजृपसत्थानि अपरामट्ठानि समाधिसंवत्तनिकानि तथारूपेसु सीलेसु सीलसामञगता विहरिस्सन्ति सब्रह्मचारीहि आवि चेव रहो च, वुद्धियेव, भिक्खवे, भिक्खूनं पाटिकङ्खा, नो परिहानि । “यावकीवञ्च, भिक्खवे, भिक्खू यायं दिट्ठि अरिया निय्यानिका, निय्याति तक्करस्स सम्मा दुक्खक्खयाय, तथारूपाय दिट्ठिया दिविसामञ्जगता विहरिस्सन्ति सब्रह्मचारीहि आवि चेव रहो च, वुद्धियेव, भिक्खवे, भिक्खूनं पाटिकङ्खा, नो परिहानि । “यावकीवञ्च, भिक्खवे, इमे छ अपरिहानिया धम्मा भिक्खूसु ठस्सन्ति, इमेसु च छसु अपरिहानियेसु धम्मेसु भिक्खू सन्दिस्सिस्सन्ति, वुद्धियेव, भिक्खवे, भिक्खूनं पाटिकवा, नो परिहानी''ति । 63 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.009977
Book TitleDighnikayo Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVipassana Research Institute Igatpuri
PublisherVipassana Research Institute Igatpuri
Publication Year1998
Total Pages358
LanguageSanskrit
ClassificationInterfaith & Buddhism
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy